जम्मू-कश्मीर: पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जानिए फारूख अब्दुल्ला ने ये फैसला क्योंं लिया?
By कोमल बड़ोदेकर | Updated: August 31, 2021 14:39 IST2021-08-31T14:33:14+5:302021-08-31T14:39:14+5:30
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि इस बार पंचायत चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस हिस्सा नहीं लेगी. फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव है लिहाजा हमारी पार्टी को चुनावी मैदान में उतना चाहिए लेकिन चुनाव नहीं लड़ने का फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि हमारे लिए सबसे ज्याद महत्वपूर्ण हमारे साथियों की जिंदगी है.

जम्मू-कश्मीर: पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जानिए फारूख अब्दुल्ला ने ये फैसला क्योंं लिया?
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि इस बार पंचायत चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस हिस्सा नहीं लेगी. फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव है लिहाजा हमारी पार्टी को चुनावी मैदान में उतना चाहिए लेकिन चुनाव नहीं लड़ने का फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि हमारे लिए सबसे ज्याद महत्वपूर्ण हमारे साथियों की जिंदगी है.
फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि, राज्य अभी भी भी उग्रवाद का सामना कर रहा है. ईश्वर जानता है कि भविष्य में क्या होगा. इसलिए, सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक जिसे हमें देखने की जरूरत है वह है पंचायत सदस्यों की सुरक्षा क्योंकि वे हमारे लिए सबसे पहले हैं.
We still face militancy & God knows what will happen in the future. Therefore, one of the most important things that we need to look after is the security of panchayat members because they are the first target: National Conference chief Farooq Abdullah in Srinagar pic.twitter.com/JjAPocpemf
— ANI (@ANI) August 31, 2021
वरिष्ठ नेता फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि, हम, राजनेता, आतंकवादियों के निशाने पर हैं. देश के साथ खड़े रहने वालों को उन संकटों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा, भारत एक विविध राष्ट्र है. फिर हमें क्या एकजुट करता है? एक विविध राष्ट्र बनाने की हमारी इच्छा है जो हमें एकजुट करे. हमें अपनी विविधता की रक्षा करने की जरूरत है.
बता दें कि बीते कुछ दिनों में कश्मीर में राजनीति दलों से जुड़े अलग-अलग लोगों को आंतियों ने निशाना बनाकर उनकी हत्या कर ती है. ऐसे में फारूख अब्दुल्ला ने सुरक्षा कारणों से पंचायत चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है.