डूबती PDP को बचाने में जुटीं महबूबा मुफ्ती, बुरहान वानी को बताया शहीद
By सुरेश डुग्गर | Published: January 7, 2019 04:27 PM2019-01-07T16:27:26+5:302019-01-07T16:27:26+5:30
सोमवार को अनंतनाग में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वर्ष 2016 में मारा गया हिजबुल कमांडर बुरहान वानी शहीद था। वह अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद की तीसरी पुण्यतिथि पर बिजबिहाड़ा गई थीं।
डूबती पार्टी को बचाने तथा लोगों की सहानुभूति जीत कर अगले चुनावों में कुछ कर पाने की ख्वाहिश रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जो पैंतरे चलने आरंभ किए हैं> उसमें अब उन्होंने वर्ष 2016 में मारे गए हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्याय कमांडर बुरहान वानी को शहीद भी करार दे दिया है। इससे पहले वे एक सप्ताह से मारे गए आतंकियों के परिवारों के जख्मों पर हीलिंग टच लगाते हुए राज्यपाल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
सोमवार को अनंतनाग में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वर्ष 2016 में मारा गया हिजबुल कमांडर बुरहान वानी शहीद था। वह अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद की तीसरी पुण्यतिथि पर बिजबिहाड़ा गई थीं।
यहां उन्होंने फातिहा पढ़ने के बाद कहा कि बुरहान के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा में कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। इसके लिए वह लोगों से माफी मांगती हैं। पिछले कुछ दिनों से महबूबा पुराने ढर्रे पर चल पड़ी हैं। आतंकियों के घर जाने के साथ ही अलगाववादियों की वकालत करने लगी हैं।
बिजबिहाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वह एक मां हैं और मां का दर्द जानती हैं। लोग उनकी बातों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। कह रहे हैं कि उन्होंने 2016 की हिंसा में मारे गए बच्चों के लिए कहा था कि वह क्या टॉफी या दूध लेने गए थे। इस पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने यह उस अर्थ में कहा था कि कुछ लोगों ने इन्हें ढाल बनाया था। उन्हें आगे कर अपना स्वार्थ साधने की कोशिश की थी। आज उनका कलेजा फट रहा है। रोजाना खून बह रहा है।
पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग आज पार्टी से अलग हुए हैं वे सरकार बनाने के लिए नागपुर गए थे। उन्हें सरकार बनाने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने भाजपा पर भी हमला किया कि वह पावर प्रोजेक्ट की वापसी व सेना के कब्जे वाली जमीन की वापसी का आश्वासन पूरा नहीं कर सकी। उसने पीडीपी के साथ धोखा किया। कहा कि मेरे पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद हर वक्त बातचीत की वकालत किया करते थे।
वे बोली की मुफ्ती साहिब पाकिस्तान के साथ दोस्ताना संबंध चाहते थे। यही वजह है कि उन्होंने सत्ता संभालने के फौरन बाद वर्ष 2015 में पाकिस्तान का धन्यवाद किया था। साथ ही हुर्रियत को भी धन्यवाद किया था चुनाव में सहयोग के लिए। कार्यक्रम से पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी नदारद थे। सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग जम्मू में होने की वजह से उपस्थित नहीं हो पाए।
पार्टी सूत्रों के अनुसार महबूबा अपने कई नेताओं के पीपुल्स कांफ्रेंस में जाने के मुद्दे पर भाजपा से नाराज है। पीपुल्स कांफ्रेंस, भाजपा का सहयोगी दल रहा है। पीडीपी में बिखराब शुरू होते ही महबूबा ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अब बरसी पर रैली से महबूबा यह संदेश भी दिया कि पार्टी कुछ नेताओं के जाने से कमजोर नहीं हुई। महबूबा ने सरकार गिरने, विधानसभा भंग करने के मुद्दों पर भी निशाना साधा था।
इस बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बरसी पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने मुफ्ती मुहम्मद सईद को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें एक ऐसा कद्दावर नेता बताया और कहा कि वह जो जम्मू कश्मीर को एक खुशहाल बनाना चाहते थे। मुफ्ती मुहम्मद सईद के करीबी रहे सत्यपाल ने अपने बयान में देश और राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री के योगदान को भी सराहा। उन्होंने कहा कि मुफ्ती मुहम्मद सईद के पद्चिन्हों पर चल जम्मू कश्मीर को शांत व खुशहाल बनाना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।