जम्मू-कश्मीर: स्वतंत्रता दिवस पर सरकारी कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर तिरंगे के साथ डीपी लगाने के आदेश

By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 1, 2023 02:55 PM2023-08-01T14:55:26+5:302023-08-01T14:56:22+5:30

जम्मू-कश्मीर में इस बार सरकारी कर्मियों को अपने सोशल मीडिया अकांउंट पर तिरंगे के साथ डीपी लगाने का आदेश दिया गया है। साथ ही स्वतंत्रता दिवस समारोह में उनकी उपस्थिति अनिवार्य करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं।

Jammu and Kashmir: Instructions to govt employee to put DP with tricolor on social media on Independence Day | जम्मू-कश्मीर: स्वतंत्रता दिवस पर सरकारी कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर तिरंगे के साथ डीपी लगाने के आदेश

जम्मू-कश्मीर: स्वतंत्रता दिवस पर सरकारी कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर तिरंगे के साथ डीपी लगाने के आदेश

जम्मू: प्रदेश में इस बार 15 अगस्त के दिन होने वाले स्वतंत्रता समारोहों में आपको बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी व अधिकारी नजर आएंगें। ऐसा उनकी उपस्थिति पक्की करने के लिए निकाले गए आदेश से साबित होता है। यही नहीं सरकारी कर्मियों को अपने सोशल मीडिया अकांउंट पर भी तिरंगे के साथ डीपी लगाने का आदेश दिया गया है।

पिछले कुछ सालों से हालांकि स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस समारोहों पर सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य बनाने की खातिर ऐसे आदेश निकाले जाते रहे हैं पर हमेशा ही इसे हल्के तौर पर लिया जाता रहा है। पर इस बार यह आदेश 15 दिन पहले जारी कर प्रशासन ने सख्ती दिखाने का मूड भी बनाया है। 

पहली बार इसकी खातिर विभागाध्यक्षों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि उनके अधीन आने वाले सारे कर्मियों और अधिकारियों की उपस्थिति स्वतंत्रता दिवस समारोहों के दौरान दर्ज की जाए और गैर हाजिर होने वालों का वेतन काटने के साथ साथ उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाए।

साथ ही प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को अपने सभी सोशल मीडिया खातों पर अपनी डीपी बदलने का फरमान भी सुनाया गया है। उन्हें तिरंगे के साथ फोटो डीपी की जगह लगाने के लिए कहा गया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह डीपी कितने दिनों तक सोशल मीडिया खातों में लगी रहनी चाहिए।

वैसे स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर समारोह स्थलों पर सरकारी कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य बनाए जाने संबंधी जारी सरकारी आदेश कोई नया नहीं है। 

ऐसे आदेश को सख्ती से लागू करने का काम 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की सरकार के दौरान हुआ था जिन्होंने तब स्थानीय विधायकों को भी सख्त ताकिद की थी कि अगर उनके इलाके के सरकारी कर्मचारी अनुपस्थित हुए तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। 

आजाद के ही मुख्यमंत्रित्व काल में ही आम नागरिकों को गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस सामारोहों की ओर आकर्षित करने के इरादों से मुफ्त सरकारी बसों की व्यवस्था आरंभ हुई थी और अखबारों तथा अन्य संचार माध्यमों में विज्ञापन देकर उनमें जोश भरने की कवायद भी।

दरअसल कश्मीर में आतंकवाद की शुरूआत के साथ ही 15 अगस्त तथा 26 जनवरी को होने वाले सरकारी समारोह सिर्फ और सिर्फ सुरक्षाबलों के लिए बन कर रह गए थे क्योंकि आतंकी चेतावनियों और धमकियों के चलते आम नागरिकों के साथ ही सरकारी कर्मियों की मौजूदगी नगण्य हो जाती थी।

Web Title: Jammu and Kashmir: Instructions to govt employee to put DP with tricolor on social media on Independence Day

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे