जम्मूः जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसे माना है कि कश्मीर में आतंकी बनने का आकर्षण यथावत बना हुआ है जिस कारण वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में अधिक युवक आतंकी बने हैं।
हालांकि उसने दावा किया है कि जम्मू संभाग में आतंकी घटनाओं पर नकेल कस दी गई है। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2020 में पिछले वर्ष की तुलना में स्थानीय आतंकी भर्ती में वृद्धि देखी गई। लेकिन यह वर्ष 2018 से कम है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि आतंकवाद में शामिल होने वाले 70 प्रतिशत लोग या तो मारे गए हैं या फिर गिरफ्तार किए गए हैं। डीजीपी ने बताया कि 46 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया जबकि हाल ही में भर्ती हुए 76 नए आतंकी मार गिराए गए। उन्होंने कहा कि आतंकवादी की जिंदगी अब ज्यादा नहीं है। यह तीन दिन से तीन महीने के बीच है।
उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2020 पुलिस और सुरक्षाबलों के लिए आत्मविश्वास का वर्ष था। आतंकियों के लिए सुरक्षाबल काल साबित हुए। इस दौरान सुरक्षाबलों ने 103 आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए और 225 आतंकवादियों को मार गिराया। मारे जाने वाले आतंकियों में 46 विभिन्न आतंकी गुटों के टाप कमांडर थे।
यही वजह है कि इस समय घाटी में सक्रिय कई संगठन नेतृत्व संकट का सामना कर रहे हैं। कुछ कमांडर पुलिस और सेना की राडार पर हैं। जल्द उन्हें भी गिरफ्तार या फिर मार गिराया जाएगा। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि वर्ष 2020 में आतंकी हमलों के दौरान करीब 38 लोगों की जान गई।
इनमें राजनीतिक नेता व कार्यकर्ता भी शामिल थे। हालांकि पिछले साल भी आम नागरिकों के मरने का यही आंकड़ा था। जम्मू कश्मीर के पुलिस प्रमुख ने कहा कि प्रशासन ने जैसे ही प्रदेश में चुनावी प्रक्रिया शुरू की, उसके बाद ही हत्याओं में वृद्धि हुई।
यही नहीं घाटी में आतंकी संगठनों के नेटवर्क को मजबूत बना रहे करीब 735 ओवरग्राउंड वर्करों को भी पकड़ा गया है। मुठभेड़ों में, आतंकी ठिकानों व उनके सहयोगी साथियों से 428 हथियार बरामद किए गए हैं। इन अभियानों के दौरान 40 जवानों ने शहादत पाई है।
उन्होंने दावा किया कि जम्मू संभाग में यहां आतंकवाद अब समाप्ति की ओर है। जम्मू संभाग में एक दर्जन से अधिक आतंकी सक्रिय थे परंतु अब ये संख्या तीन के करीब रह गई है। वे भी किश्तवाड़ जिले में हैं, हम उन्हें ट्रैक कर रहे हैं।