अदालत ने सोशल मीडिया से बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने वाली सामग्री हटाने को कहा
By भाषा | Published: May 18, 2019 12:09 AM2019-05-18T00:09:12+5:302019-05-18T00:09:12+5:30
पीठ ने कहा, ‘‘हम यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर को निर्देश देते हैं कि वे उन सभी सामग्रियों, पोस्टों और प्रकाशनों को हटायें जिनमें बांदीपुरा जिले में आठ मई 2019 को हुई घटना की पीड़िता की पहचान बतायी गयी है तथा यह भी सुनिश्चित करें कि उनके चैनलों पर ऐसी कोई सामग्री नहीं डाली जाये।’’
जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर को अपने प्लेटफॉर्म से उन सभी पोस्टों को हटाने का आदेश दिया जिनमें बांदीपुरा जिले की तीन वर्षीय बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर की गयी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति ताशी राबस्तान की खंडपीठ ने पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर कश्मीर घाटी के पांच अखबारों को नोटिस भी जारी किया।
पीठ ने कहा, ‘‘हम यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर को निर्देश देते हैं कि वे उन सभी सामग्रियों, पोस्टों और प्रकाशनों को हटायें जिनमें बांदीपुरा जिले में आठ मई 2019 को हुई घटना की पीड़िता की पहचान बतायी गयी है तथा यह भी सुनिश्चित करें कि उनके चैनलों पर ऐसी कोई सामग्री नहीं डाली जाये।’’
अदालत ने न्यायमित्र फराह बशीर के द्वारा यूट्यूब पर पीड़िता की तस्वीर दिखाने वाले फोटो और स्क्रीनशॉट के होने तथा फेसबुक और ट्विटर पर इसके शेयर होने की जानकारी दिये जाने के बाद यह निर्देश दिया। खंडपीठ ने इसके अलावा कश्मीर घाटी के पांच अखबारों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया। इन अखबारों को 28 मई तक जवाब देने को कहा गया है।