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जम्मू-कश्मीर: कोरोना लहर के बीच बदामवारी, ट्यूलिप गार्डन, बहारे कश्मीर और फुल्कारी जैसे महोत्सव! उठ रहे हैं सवाल

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: March 25, 2021 16:05 IST

पूरे देश की तरह जम्मू-कश्मीर में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में कई महोत्सवों के आयोजन को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं।

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ठळक मुद्देजम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोशिशें जारी, गुरुवार को खुला ट्यूलिप गार्डन'जश्ने राजौरी' और जम्मू में 'फुल्कारी महोत्सव' को आयोजित किए जाने की भी है तैयारीतमाम महोत्सवों और पर्यटकों के लिए खोले जा रहे गार्डन के बीच कोरोना के भी मामले जम्मू-कश्मीर में बढ़ रहे हैं

जम्मू: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को भी बढ़ावा देने के लिए कई कोशिशें जारी हैं। देशभर में कोरोना की दूसरी लहर की दस्तक के कारण कोरोना मरीजों की संख्या उछाल मार रही है, वहीं जम्मू कश्मीर में प्रशासन कई मेलों और महोत्सवों को मंजूरी दे रहा है।

इसी क्रम में गुरुवार को एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन को श्रीनगर में लोगों के लिए खोल दिया गया है। तीन दिन पहले ही बदामवारी को भी खोल दिया गया था। दो दिनों के बाद 'जश्ने राजौरी' और जम्मू में 'फुल्कारी महोत्सव' भी घोषित किया जा चुका है। 

इसके अलावा जम्मू समेत कई शहरों में मेले भी आयोजित हो रहे हैं। एक तारीख से ट्यूलिप गार्डन में 'जश्ने बहार कश्मीर महोत्सव' भी आरंभ होगा, जो 15 दिन तक चलेगा।

यह सब प्रदेश में पटरी से उतर चुके पर्यटन व्यवसाय में जान फूंकने की मंशा से किया जा रहा है। हालांकि ये भूला दिया गया है कि यह सभी महोत्सव ऐसे समय में आयोजित होने जा रहे हैं जबकि कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक रूप से सामने आई है। 

केंद्र सरकार कोरोना पाबंदियों को सख्ती से लागू करने के दिशा निर्देश बार-बार जारी कर रही है। वहीं, इन महोत्सवों के बीच जम्मू कश्मीर प्रशासन के अधिकारी कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए जिन सख्त पाबंदियों की घोषणा कर रहे हैं, वे पहले से लागू हैं। 

प्रदेश के प्रवेशद्वार लखनपुर में सख्ती बढ़ाने और मास्क न पहनने वालों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही रात को होने वाली गतिविधियों पर नकेल कसने की भी तैयारी की गई है। 

हालांकि सवाल यही है कि क्या आयोजित हो रहे इन महोत्सवों से कोरोना क्या और बड़ा खतरा नहीं बन जाएगा। ऐसा इसलिए कि इसमें सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और लोगों को मास्क पहनने के लिए सुनिश्चित कराना चुनौतीपूर्ण काम है।

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