लाइव न्यूज़ :

जम्मू-कश्मीर में कुत्तों का कहर, 12 सालों में 80 हजार लोगों को काटा

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: May 26, 2023 17:23 IST

जम्मू-कश्मीर में आवारा कुत्तों की तादाद लाखों में होने के कारण वह आम जनता को अपना शिकार बना रहे हैं। कुत्तों ने हजारों लोगों को अपना शिकार अब तक बनाया है।

Open in App
ठळक मुद्देजम्मू-कश्मीर में कुत्तों के काटने के कई मामले आए सामने पिछले 12 सालों में करीब 80 हजार लोगों को कुत्तों ने काटाघाटी में आवारा कुत्तों की तादाद लाखों में हैं

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के बाद अगर किसी का साम्राज्य है और जिससे कोई डरता है वे हैं लाखों की तादाद में आवारा कुत्ते। इन कुत्तों से डर कितना लगता है यह उन 14 टूरिस्टों से भी पूछ सकते हैं जिन्हें कुछ अरसा पूर्व डल झील के किनारे घुमने वाले आवारा कुत्तों ने काट लिया था।

जानकारी के लिए पिछले 12 सालों में 80 हजार से अधिक मामले कुत्ते के काटने के कश्मीर में आए हैं। यह आंकड़ा उनका है जो इलाज करवाले अस्पतालों में पहुंचे और जिन्होंने घर पर ही इसका इलाज किया उनकी संख्या भी सैंकड़ों में है।

कश्मीर का शायद ही कोई जिला होगा जहां कुत्तों ने आतंक न फैला रखा हो। इस आतंक से मुक्ति दिलवाने की खातिर नगरपालिकाओं द्वारा उनकी नसबंदी के अभियान तो छेड़े गए पर यह दर प्रतिदिन 15 नसबंदियों तक ही सीमित है।

ऐसे में एक भुक्तभोगी का कहना था कि अगर कुत्तों की नसबंदी की दर यही रही तो कई साल लग जाएंगें उनसे छुटकारा पाने में। पिछले एक साल में, 1 अप्रैल 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 तक 5629 लोगों को कुत्तों ने काटा।

जबकि पूरे दशक का आंकड़ा लें तो प्रतिदिन औसतन 16 लोग उन आवारा कुत्तों का शिकार हुए जिन्होंने बारामुल्ला के पट्टन में 10 वर्षीय बच्चे को मौत के घाट उतार दिया था। जबकि पुलवामा में एक आठ साल के बच्चे को अधमरा कर दिया था।

बारामुल्ला नगर परिषद के इंचार्ज इम्तियाज उल हक की सुनें तो उनके पास कुत्तों की नसबंदी का पर्याप्त संसाधन नहीं है। जबकि श्रीनगर नगरपालिका के एक अधिकारी के मुताबिक, उम्मीद है कुत्तों की नसबंदी का काम जल्द युद्धस्तर पर होगा।

दरअसल, जम्मू कश्मीर में महाराजा द्वारा बनाए गए कानून के मुताबिक, कुत्तों को जहर देकर मारा नहीं जा सकता। नतीजा सामने है। अधिकारियों के पास सिर्फ उनकी नसबंदी करने का ही विकल्प बचा हुआ है। वह कितना नाकाम साबित हुआ है यह कुत्तों के काटने के बढ़ते मामलों से पूरी तरह से स्पष्ट होता था।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरJammu
Open in App

संबंधित खबरें

भारतकश्मीर में ‘चिल्ला-ए-कलां’ शुरू?, घाटी में पड़ने वाली 40 दिनों की भीषण सर्दी क्या होती है?

कारोबारअमेरिकी टैरिफ ने वाट लगा दी है कश्‍मीर के पेपर माशी व्‍यापार पर

स्वास्थ्यजम्मू-कश्मीर: लाइफस्टाइल में बदलाव और देर से शादी से बढ़ रही इनफर्टिलिटी

क्रिकेटIPL 2026 Auction: कौन हैं औकिब नबी डार ? जम्मू और कश्मीर के ऑलराउंडर जिन्हें दिल्ली कैपिटल्स ने ₹8.40 करोड़ में खरीदा

भारतआतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए जवान अमजिद अली, पुलिस ने शहादत को किया सलाम

भारत अधिक खबरें

भारतमहाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल की पत्नी शालिनीताई पाटिल का निधन, 94 साल में अलविदा, कांग्रेस सरकारों में मंत्री

भारतभारत जल्द ही मेट्रो नेटवर्क की लंबाई के मामले में अमेरिका को छोड़ देगा पीछे, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का दावा

भारतWATCH: भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान की दिशा में बड़ा कदम, इसरो ने 'गगनयान मिशन' की लैंडिंग के लिए जिम्मेदार पैराशूट का किया परीक्षण

भारतबिहार हिजाबः बाप और बेटी का रिश्ता?, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा- दुख है बड़ा विवाद खड़ा

भारतईटानगर नगर निगमः भाजपा ने 20 में से 14 सीट पर दर्ज की शानदार जीत, पासीघाट नगर परिषद पर पीपीए ने का कब्जा, 8 में से 5 सीट, ईटानगर-पासीघाट में कांग्रेस 0