जम्मू प्रशासन राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त अधिकारियों पर शिकंजा कसने को तैयार, CID जांच के दिए निर्देश

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: January 29, 2022 15:53 IST2022-01-29T15:51:45+5:302022-01-29T15:53:03+5:30

नए नियमों के मुताबिक सरकारी नौकरी पाने वाले व्यक्ति के लिए सरकार ने 15 वर्ष की आयु से शैक्षिक विवरण, पिछले पांच वर्षों में उपयोग किए गए मोबाइल नंबर, ससुराल वालों की जानकारी और ऋण का विवरण अनिवार्य कर दिया है।

Jammu administration ready to crack down on officials involved in anti-national activities, instructions for CID investigation | जम्मू प्रशासन राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त अधिकारियों पर शिकंजा कसने को तैयार, CID जांच के दिए निर्देश

जम्मू प्रशासन राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त अधिकारियों पर शिकंजा कसने को तैयार, CID जांच के दिए निर्देश

Highlightsसरकार ने पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए कई कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है। जम्मू कश्मीर पुलिस की सीआईडी विंग सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए गए विवरण की वेरीफिकेशन करती है।सीआईडी विंग द्वारा एनओसी दिए जाने के बाद ही वह अपने पद पर ज्वाइन कर सकता है।

जम्मू: प्रदेश प्रशासन ने और उन सरकारी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है जिनके प्रति उसे शक है कि वे आतंकी तथा राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में कथित तौर पर लिप्त हैं। इसकी खातिर उसने वर्ष 2018 के बाद भर्ती हुए सभी सरकारी कर्मचारियों व अफसरों की सीआईडी जांच करवाने का निर्देश दिया है।

जानकारी के लिए सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए कई कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है। सेवा के नियमों में संशोधन यही सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि नई नियुक्तियों पर तैनात कर्मचारियों के रिकॉर्ड जांच लिए जाएं कि कहीं वे किसी तरह के आपराधिक मामलों में संलिप्त तो नहीं रहे हैं।

नए नियमों के मुताबिक सरकारी नौकरी पाने वाले व्यक्ति के लिए सरकार ने 15 वर्ष की आयु से शैक्षिक विवरण, पिछले पांच वर्षों में उपयोग किए गए मोबाइल नंबर, ससुराल वालों की जानकारी और ऋण का विवरण अनिवार्य कर दिया है। जम्मू कश्मीर पुलिस की सीआईडी विंग सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए गए विवरण की वेरीफिकेशन करती है। उसके द्वारा एनओसी दिए जाने के बाद ही वह अपने पद पर ज्वाइन कर सकता है।

ऐसा न करने की स्थिति में उम्मीदवार नियुक्ति के अपने अधिकार को छोड़ देंगे। अब सरकार का कहना है कि पहले से प्रकाशित चयन सूचियों में यह पाया गया कि कई कर्मचारियों की अभी तक सीआईडी वेरीफिकेशन पूरी तरह से नहीं हुई है। प्रशासन ने नए नियमों के तहत 21 दिनों की अवधि में यह वेरीफिकेशन कराने के लिए कहा है। यह निर्देश तब लागू हुआ जब सरकार ने पिछले साल 27 सितंबर को जम्मू कश्मीर सिविल सेवा (चरित्र और पूर्ववृत्त का सत्यापन) निर्देश, 1997 में संशोधन किया।

और अब डिवीजनल कमिश्नर कश्मीर पांडुरंग पोले ने इस संबंध में कश्मीर संभाग के सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए हैं कि मई 2018 के बाद नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों की सीआईडी वेरीफिकेशन जल्द से जल्द सुनिश्चित करें। उन्होंने संभाग के सभी 10 डिप्टी कमिश्नरों को जम्मू कश्मीर सरकार के निर्देशों के अनुसार नई नियुक्तियों की सीआईडी वेरीफिकेशन सुनिश्चित करने को कहा है।

उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार ने सेवा नियमों में संशोधन किया है, जो यह अनिवार्य करता है कि जो लोग सरकारी सेवाओं में शामिल होते हैं, उनकी वेरीफिकेशन पुलिस की अपराध जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा किया जाएगा और आतंकी तथा राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने वालों की सूची प्रशासन को अलग से दी जाएगी।

Web Title: Jammu administration ready to crack down on officials involved in anti-national activities, instructions for CID investigation

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