नागरिकता विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद

By भाषा | Published: December 12, 2019 05:40 AM2019-12-12T05:40:36+5:302019-12-12T05:40:36+5:30

राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की। लोकसभा ने सोमवार रात इस विधेयक को मंजूरी दी थी।

Jamiat Ulema-e-Hind to challenge Citizenship Amendment Bill in Supreme Court | नागरिकता विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद

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Highlightsनागरिकता संशोधन विधेयक के संसद से पारित होने के बाद देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा है कि वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगा।जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा कि यह विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और इसीलिए जमीयत इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।

नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद से पारित होने के बाद देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा है कि वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगा। जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा कि यह विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और इसीलिए जमीयत इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।

उन्होंने कहा, '' यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है। इसका पूरा मसौदा ही धार्मिक भेदभाव और पूर्वाग्रह के साथ तैयार किया गया है।'' मदनी ने यह भी कहा कि यह विधेयक देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है क्योंकि इसमें बिना दस्तावेज के नागरिकता देने का प्रावधान है।

गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की। लोकसभा ने सोमवार रात इस विधेयक को मंजूरी दी थी। इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है। 

Web Title: Jamiat Ulema-e-Hind to challenge Citizenship Amendment Bill in Supreme Court

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