जामिया हिंसा को लेकर वायरल हो रहे कथित वीडियो को लेकर अब दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल ने कहा कि इस वीडियो को लेकर पुलिस को बयान देना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा कि यदि कोई छात्र पत्थर लेकर लाइब्रेरी में प्रवेश करता है तो यह निंदनीय है। इसकी उचित जांच होनी चाहिए।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में वायरल हो रहे कथित वीडियो में पुलिस छात्रों को बर्बरता से पीटते हुए दिखाई दे रही है। इस वीडियो को लेकर सियासी गलियारों में हलचल मच गई है।
दिल्ली मे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता कपिल मिश्रा ने सोमवार (17 फरवरी) को देश की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलने वालों को निशाने पर लिया है और विवाद खड़ा कर देने वाला बयान दिया है। कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'अगर उस दिन कसाब भागकर गन समेत लाइब्रेरी में घुस जाता तो इनोसेंट कहलाता...।' बता दें, अभी हाल में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट पर लड़ने वाले कपिल मिश्रा को हार का सामना करना पड़ा है।
15 दिसंबर को जामिया की घटना को लेकर छात्र द्वारा दिल्ली HC में दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। इस मामले में हाई कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार , दिल्ली पुलिस व दिल्ली के अरविंद केजरीवाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दरअसल, एक छात्र शाययान मुजीब की याचिका पर उसकी चोटों के लिए 2 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की गई थीं। उन्होंने कहा कि वह पुस्तकालय में बैठे थे, इसी दौरान पुलिस ने वहां पहुंचकर उनकी पिटाई कर दी जिसके बाद उसने करीब 2.5 लाख रुपये खर्च किए क्योंकि उनके दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए थे।
बता दें कि जामिया व शाहीन बाग में 15 दिसंबर के बाद शुरू हुए प्रदर्शन को लेकर चुनाव आयोग ने दक्षिणपूर्व दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल को रविवार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया था। आयोग ने इलाके की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए यह कदम उठाया था।
उल्लेखनीय है कि इलाके के शाहीन बाग और जामिया नगर में इस हफ्ते गोलीबारी की घटनाएं हुई थी। आयोग ने अतिरिक्त डीसीपी (दक्षिणपूर्व) कुमार ज्ञानेश को इलाके का प्रभार संभालने का निर्देश दिया ।
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा था कि चुनाव आयोग के फैसले के मुताबिक यह अवगत कराया जाता है कि चिन्मय बिस्वाल आईपीएस (2008), डीसीपी (दक्षिणपूर्व) अपने मौजूदा पद से तत्काल प्रभाव कार्यमुक्त समझे जाएं और केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करें।
उन्होंने कहा था कि मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, आयोग निर्देश देता है कि कुमार ज्ञानेश, दानिप्स (1997), चिन्मय बिस्वाल आईपीएस से फौरन डीसीपी (दक्षिणपूर्व) का प्रभार अपने हाथों में लें।