नागरिकता कानून पर हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में जामिया मिलिया ने दी सफाई, जानिए प्रदर्शनकारियों के बारे में क्या कहा!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 15, 2019 10:37 AM2019-12-15T10:37:13+5:302019-12-15T10:37:13+5:30

बता दें कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने नए नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ विश्वविद्यालय बंद को शनिवार को खत्म कर दिया। इससे एक दिन पहले परिसर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने तनाव के मद्देनजर परीक्षाओं को रद्द करके पांच जनवरी तक छुट्टियों का ऐलान कर दिया।

JAMIA MILLIA SAYS PROTEST AGAINST CAB IS NOT IN CAMPUS AND LARGE NUMBER OF LOCAL PARTICIPATED | नागरिकता कानून पर हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में जामिया मिलिया ने दी सफाई, जानिए प्रदर्शनकारियों के बारे में क्या कहा!

नागरिकता कानून पर हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में जामिया मिलिया ने दी सफाई, जानिए प्रदर्शनकारियों के बारे में क्या कहा!

Highlightsइस विरोध के चलते विश्वविद्यालय एक तरह से युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो गया। पुलिस ने प्रदर्शन के सिलसिले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दंगा करने और सरकारी कर्मचारियों को ड्यूटी से रोकने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

दिल्ली के जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन के मामले में यूनिवर्सिटी ने सफाई दी है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस मामले में जामिया प्रशासन ने कहा है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में यह प्रदर्शन नहीं हुआ है और इस प्रदर्शन में ज्यादातर बाहरी लोग शामिल थे। इस प्रदर्शन का यूनिवर्सिटी से कोई लेना-देना नहीं है। 

बता दें कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने नए नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ विश्वविद्यालय बंद को शनिवार को खत्म कर दिया। इससे एक दिन पहले परिसर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने तनाव के मद्देनजर परीक्षाओं को रद्द करके पांच जनवरी तक छुट्टियों का ऐलान कर दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि जिन लोगों ने शुक्रवार को हिंसा की और पुलिस के साथ संघर्ष किया, वे ‘बाहरी’ थे न कि छात्र थे।

जामिया के विद्यार्थियों, शिक्षकों और पूर्व छात्रों ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए समन्वय समिति गठित गई है। उन्होंने कहा कि यह कानून भेदभावपूर्ण है। कानून के विरोध में छात्रों ने शुक्रवार को संसद की तरफ मार्च करने का प्रयास किया जिसके बाद पुलिस और छात्रों में संघर्ष हो गया। इससे विश्वविद्यालय एक तरह से युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो गया।

छात्रों ने शनिवार को विश्वविद्यालय को बंद करने का आह्वान किया था और परीक्षाओं का बहिष्कार करने की योजना बनाई थी। पुलिस ने प्रदर्शन के सिलसिले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दंगा करने और सरकारी कर्मचारियों को ड्यूटी से रोकने के आरोप में मामला दर्ज किया है। जामिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। आने वाले समय में नयी तारीखों की घोषणा की जाएंगी। 16 दिसम्बर से पांच जनवरी तक छुट्टी घोषित की गई है। विश्वविद्यालय छह जनवरी 2020 से खुलेगा।

विश्वविद्यालय के अधिकारी ने बताया, ‘‘ विश्वविद्यालय यह स्पष्ट करना और घटना को उचित परिप्रेक्ष्य में रखना चाहता है कि कौन लोग शामिल थे और यह क्यों हुआ। आसपास के इलाकों के हजारों लोग प्रदर्शन स्थल पर छात्रों के साथ जमा हो गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिन बाहरी लोगों का विश्वविद्यालय से कुछ लेना देना नहीं था, उन्होंने पुलिस से संघर्ष किया, न कि छात्रों ने ऐसा किया। 

Web Title: JAMIA MILLIA SAYS PROTEST AGAINST CAB IS NOT IN CAMPUS AND LARGE NUMBER OF LOCAL PARTICIPATED

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