CAA समर्थक गैर-मुस्लिमों को फेल करने का दावा करने वाले जामिया के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अबरार अहमद सस्पेंड

By मनाली रस्तोगी | Published: March 26, 2020 03:22 PM2020-03-26T15:22:12+5:302020-03-26T15:22:12+5:30

यूनिवर्सिटी ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'डॉ अबरार अहमद ने सार्वजनिक डोमेन में एक परीक्षा में 15 गैर-मुस्लिम छात्रों को फेल करने के रूप में ट्वीट किया। यह सीसीएस कंडक्ट रूल्स के तहत सांप्रदायिक विद्वेष को उकसाने वाला एक गंभीर कदाचार है। विश्वविद्यालय ने इस मामले को देखते हुए प्रोफेसर को निलंबित कर दिया है।'

Jamia Millia Islamia Professor failed 15 non-Muslim students for supporting CAA got suspended | CAA समर्थक गैर-मुस्लिमों को फेल करने का दावा करने वाले जामिया के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अबरार अहमद सस्पेंड

जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अबरार अहमद को किया निलंबित

Highlightsजामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने आज असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अबरार अहमद को किया निलंबित।सीएए का समर्थन करने वाले गैर-मुस्लिम छात्रों को किया था फेल।

जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia University) ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अबरार अहमद (Dr Abrar Ahmad) को सीएए (CAA) का समर्थन करने वाले गैर-मुस्लिम छात्रों को कथित तौर पर फेल करने के दावे के मामले में निलंबित कर दिया है। यूनिवर्सिटी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
 
यूनिवर्सिटी ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'डॉ अबरार अहमद ने सार्वजनिक डोमेन में एक परीक्षा में 15 गैर-मुस्लिम छात्रों को फेल करने के रूप में ट्वीट किया। यह सीसीएस कंडक्ट रूल्स के तहत सांप्रदायिक विद्वेष को उकसाने वाला एक गंभीर कदाचार है। विश्वविद्यालय ने इस मामले को देखते हुए प्रोफेसर को निलंबित कर दिया है।'

मालूम हो, 25 मार्च की सुबह डॉ अबरार ने एक ट्वीट में लिखा था, '15 गैर मुस्लिमों को छोड़कर मेरे सभी छात्र पास हो गए हैं। अगर आप सीएए के खिलाफ आंदोलन करते हैं तो मेरे पास सीएए के पक्ष में 55 छात्र हैं। अगर आंदोलन खत्म नहीं हुआ तो बहुमत आपको सबक सिखाएगा। कोरोना (Coronavirus) के चलते आपके आंदोलन के चिह्न मिट गए हैं। मैं हैरान हूं कि आपको मुझसे नफरत क्यों है?'

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इसके अलावा उन्होंने उसी शाम अपनी सफाई पेश करते हुए एक और ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, 'परीक्षा में भेदभाव को लेकर जो मैंने ट्वीट किया था  वह सिर्फ सीएए और सीएए विरोध को लेकर एक समुदाय के खिलाफ सरकार के भेदभावपूर्वण रवैये पर  व्यंग्य था। न तो ऐसी कोई परीक्षा हुई है और न ही कोई रिजल्ट आया है। जरा ठहरिए और फिर सो सोचिए, यह सिर्फ एक मुद्दे को समझाने के लिए कहा गया है। मैं कभी भेदभाव नहीं करता।'

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हालांकि, अब इस मामले पर डॉ अबरार का कहना है कि वो महज व्यंग्य कर रहे थे। उनका कहना था कि कैसे सरकार एक समुदाय के साथ भेदभाव कर रही है। इसका हकीकत से कोई लेना-देना नही हैं। 

Web Title: Jamia Millia Islamia Professor failed 15 non-Muslim students for supporting CAA got suspended

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