नयी दिल्ली, 14 दिसंबर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि संविधान या चुनाव कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो एकल उपचुनाव के माध्यम से चुनाव कराने की अनिवार्य आवश्यकता को निर्धारित करता हो।
कांग्रेस नेता गौरव पांड्या की याचिका पर अपने जवाब के तहत दायर हलफनामे में मंत्री ने यह दलील दी।
मंत्री ने न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दायर हलफनामे में कहा, “संविधान या जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत एकल उप-चुनाव के जरिये चुनाव कराने की अनिवार्य जरूरत की अनुशंसा की गई हो… और इसलिये मौजूदा मामले में तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए किसी कानून का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।”
न्यायालय ने इस मामले की विस्तृत सुनवाई जनवरी 2021 के तीसरे हफ्ते में निर्धारित की है।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले गुजरात से विदेश मंत्री के राज्यसभा में निर्वाचन को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर नोटिस जारी किये थे।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।