Jaisalmer Bus Accident: आग लगने के बाद दरवाजा हुआ जाम, तड़प-तड़प पर आग में जलकर मरे यात्री, दिल दहला देने वाला था जैसलमेर बस हादसा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 15, 2025 12:30 IST2025-10-15T12:30:37+5:302025-10-15T12:30:45+5:30

Jaisalmer Bus Accident: बीस लोगों की मौत हो चुकी है और 15 का इलाज चल रहा है। अभी तक किसी के लापता होने की सूचना नहीं मिली है। हम लापता लोगों की संख्या की पुष्टि कर रहे हैं।

Jaisalmer bus accident Most people died due to the jammed door | Jaisalmer Bus Accident: आग लगने के बाद दरवाजा हुआ जाम, तड़प-तड़प पर आग में जलकर मरे यात्री, दिल दहला देने वाला था जैसलमेर बस हादसा

Jaisalmer Bus Accident: आग लगने के बाद दरवाजा हुआ जाम, तड़प-तड़प पर आग में जलकर मरे यात्री, दिल दहला देने वाला था जैसलमेर बस हादसा

Jaisalmer Bus Accident:  जैसलमेर बस हादसे में बस का दरवाजा जाम होने के कारण उसमें सवार ज्यादा लोगों की जान गई। पुलिस ने बुधवार को बताया कि आग लगने के बाद इस एसी स्लीपर बस का दरवाजा जाम हो गया और यात्री बाहर नहीं निकल पाए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बचाव और चिकित्सा सहायता की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा की और इस घटना को "अत्यंत दुखद" बताया।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को दोपहर में जोधपुर जा रही एक निजी बस में जैसलमेर से रवाना होने के बमुश्किल दस मिनट बाद आग लग गई। देखते ही देखते बस आग का गोला बन गई और 20 यात्री जिंदा जल गए और 15 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। जैसलमेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश दान ने कहा कि आग लगने के कारण बस का गेट यानी दरवाजा बंद हो गया, जिससे यात्री बाहर नहीं निकल सके।

उन्होंने पीटीआई भाषा को बताया, "ज्यादातर शव बस के गैलरी में मिले, जिससे पता चलता है कि लोगों ने भागने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा जाम होने के कारण वे बाहर नहीं निकल पाए और असमय ही काल कवलित हो गए।" इस बस में आग सेना के युद्ध स्मारक के पास लगी। वहां मौजूदा सेना के जवान तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव अभियान में शामिल हो गए।

स्थानीय लोग व राहगीर भी मदद के लिए आगे आए। पास से गुजर रहे एक टैंकर से भी बस की आग बुझाने का प्रयास किया गया। बस दरवाजा जोर लगाकर तोड़ना पड़ा। आग लगने के बाद कुछ यात्री बस की खिड़की तोड़कर बाहर कूदे और अपनी जान बचाई।

जैसलमेर के जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने बताया कि बस से 19 जले हुए शव बरामद किए गए और 16 गंभीर रूप से घायलों को जोधपुर के अस्पताल ले जाया गया। इनमें से एक की बीच रास्ते में मौत हो गई।

उन्होंने कहा, "शवों को डीएनए सैंपलिंग और पहचान के लिए जोधपुर भेजा गया है। फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (एफएसएल) द्वारा मिलान की पुष्टि के बाद उन्हें परिवारों को सौंप दिया जाएगा।" पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बस में कुल कितने लोग थे इसकी पुष्टि की जा रही है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश दान ने कहा, "20 लोगों की मौत हो गई है और 15 का इलाज चल रहा है। अभी तक किसी के लापता होने की सूचना नहीं मिली है। हम लोगों की संख्या की पुष्टि कर रहे हैं। बस के रवाना होने के स्थान से लेकर रास्ते से सीसीटीवी फुटेज एकत्र कर लिए गए हैं और उनकी जांच की जा रही है।"

उन्होंने कहा कि एफएसएल की टीमें कल रात से ही घटनास्थल का निरीक्षण कर रही हैं। उन्होंने कहा, "शुरुआती संकेत बस में शॉर्ट सर्किट की ओर इशारा कर रहे हैं, हालांकि बस में पटाखे होने जैसी अन्य आशंकाओं की भी जांच की जा रही है।"

जैसे ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मंगलवार शाम इस घटना की जानकारी मिली, उन्होंने जयपुर में अपनी निर्धारित बैठक बीच में ही समाप्त कर दी और मौके पर मौजूद अधिकारियों के साथ संपर्क करना शुरू कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, बैठक में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, गौतम दक और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री शर्मा ने सभी को सूचित किया कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, वे जैसलमेर जा रहे हैं।

एक अधिकारी ने कहा, "मुख्यमंत्री ने घायलों को जैसलमेर से जोधपुर तक उन्नत उपचार के लिए सुचारू रूप से पहुंचाने के लिए अधिकारियों को एक ग्रीन कॉरिडोर बनाने का निर्देश दिया।" वह रात में जैसलमेर पहुंचे और घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने बचाव एवं राहत कार्यों में भारतीय सेना और स्थानीय नागरिकों के प्रयासों की सराहना की।

इसके बाद मुख्यमंत्री जोधपुर गए और पीड़ितों के परिवारों से मिले। उन्होंने डॉक्टरों को घायलों को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा सेवा प्रदान करने के निर्देश दिए और 'बर्न यूनिट' में चिकित्सा सुविधाओं की समीक्षा की। जोधपुर में इस हादसे में घायल हुए लोगों की चौबीसों घंटे देखभाल सुनिश्चित करने के लिए समर्पित चिकित्सा निगरानी दल तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री शर्मा ने यह भी निर्देश दिया कि घायलों के परिवारों को अस्पताल परिसर में उचित आवास, भोजन और सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाए।

उन्होंने जैसलमेर और जोधपुर में स्थानीय विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रशासनिक अधिकारियों से बात की और उनसे राहत कार्यों में मदद करने की अपील की। उन्होंने कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर को भी स्थिति की निगरानी के लिए जोधपुर में रहने का निर्देश दिया। बचाव अधिकारियों ने कहा हादसे का शिकार हुई बस देखते ही देखते "आग का गोला" बन गई और उसमें सवार लोगों को बचाव के लिए कुछ करने का ज्यादा समय नहीं मिला। हादसे का शिकार बस नई थी।

उसका हाल ही में पंजीयन हुआ था और वह अपनी चौथी यात्रा पर निकली थी। यह दोपहर बाद लगभग तीन बजे जैसलमेर से रवाना हुई थी और रास्ते में और यात्रियों को लेने वाली थी। एक पुलिसकर्मी ने प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से कहा कि बस के पिछले हिस्से से तेज धमाका सुना गया जो संभवतः एसी कंप्रेसर से हुआ था। डीजल, एसी गैस और फ़ाइबर-आधारित अंदरूनी हिस्सों के कारण लगी आग और भड़क गई। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा, "बस में सिर्फ एक दरवाजा था, जो जाम हो गया था। ज्यादातर यात्री बाहर नहीं निकल पाए। सेना ने जितने संभव थे, शव निकाले। कुछ शव इतने जल गए थे कि उनकी पहचान करना मुश्किल है।"

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बस में कोई आपातकालीन निकास नहीं था। आपात स्थिति में खिड़की के कांच को तोड़ने के लिए कोई हथौड़ा नहीं था और एक संकरा गलियारा था जिसमें यात्री फंस गए थे। जैसे ही तारों में आग लगी, स्वचालित दरवाजा-लॉक सिस्टम सक्रिय हो गया, जिससे बाहर निकलने का रास्ता बंद हो गया।

जानकारी के अनुसार, बस के अंदर कई शव एक-दूसरे के ऊपर गिरे मिले। घायलों में दो बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं। कुछ 70 प्रतिशत तक जले हुए हैं। सभी को पहले जैसलमेर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, फिर जोधपुर रेफर कर दिया गया। जैसलमेर के जिला कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत ने कहा कि हादसे की सूचना मिलते ही बचाव अभियान तुरंत शुरू कर दिया गया। उन्होंने कहा, "सभी 19 शवों को डीएनए आधारित पहचान के लिए जोधपुर भेज दिया गया है।"

Web Title: Jaisalmer bus accident Most people died due to the jammed door

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