जम्मू: चार दिनों के बाद आरंभ हो रही अमरनाथ यात्रा में लाखों लोगों को न्यौता देते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि लोग बेधड़क होकर इसमें शामिल हों जबकि अधिकारी कहते थे कि इस बार भी यात्रा आतंकी निशाने पर टॉप पर है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दूरदर्शन को दिए गए साक्षात्कार में शिवभक्तों को बेधड़क होकर अमरनाथ की यात्रा में शामिल होने का न्यौता देते हुए कहा कि सुरक्षा का त्रिस्तरीय प्रबंध हैं। यह यात्रा कश्मीरियत का प्रतीक है।
यह कश्मीर के लिए सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व नहीं रखती, बल्कि यह स्थानीय अर्थ व्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। तीन लाख परिवार इससे प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से आजीविका कमाते हैं। कश्मीर में सुधरते हालात कुछ लोगों को रास नहीं आते और वह यहां हालात बिगाड़ने की हरकतें करते हैं, लेकिन किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। यह बाबा भोले की यात्रा है और बाबा भोले की कृपा से सुरक्षित, शांत और विश्वासपूर्ण वातावरण में ही संपन्न होगी।
जबकि सच्चाई यह है कि आतंकियों के निशाने पर टॉप पर आने के बाद अमरनाथ यात्रा चुनौती के रूप में सामने आने लगी है। एक तो मौसम ऊपर से आतंकी खतरा। तीसरे यात्रा को पर्यटन बाजार में बदलने के प्रयास। इन सबको मिला आधिकारिक तथा सुरक्षा के मोर्चे पर मिलने वाली चेतावनी यही कहती है कि अमरनाथ यात्रा को खतरों से मुक्त बनाना हो तो इसे पर्यटन बाजार में न बदला जाए क्योंकि आतंकियों के लिए यह नर्म लक्ष्य बन सकती है।
जम्मू कश्मीर सरकार ने प्रदेश में अमरनाथ यात्रा के पूरे मार्ग को आतंकी हमले के लिहाज से अत्याधिक संवेदनषील घोषित किया है और सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक कदम उठाये जाएं। राज्य गृह विभाग ने सभी संबंधित एजेंसियों को कहा है कि सुरक्षा परिदृश्य, यात्रा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति पर विचार करते हुये यात्रियों पर आतंकियों के हमले का खतरा है। यात्रा की संवेदनशीलता और प्रसिद्धि की वजह से यह आतंकी हमले के लिहाज से बहुत संवेदनशील है।
राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश में सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों को कहा गया है कि वे इस मामले में सभी नियमों का पालन करें ताकि 30 जून से शुरू हो रही यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस निर्देश में कहा गया है कि इस संबंध में खुफिया एजेंसियों और एकीकृत मुख्यालय से मिले निर्देश और जानकारी को अन्य सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के साथ तुरंत सांझा करना चाहिये और किसी संभावित घटना को रोकने के लिये आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिये।