पूर्व एयर मार्शल ने बताया Indian Air Force के लिए कितना महत्वपूर्ण है राफेल, कहा- हम 18 साल बाद खरीद रहे हैं लड़ाकू विमान
By सुमित राय | Published: July 27, 2020 06:20 PM2020-07-27T18:20:07+5:302020-07-27T18:27:08+5:30
भारतीय वायुसेना के पूर्व एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने बताया है कि राफेल लड़ाकू विमान इंडियन एयरफोर्स के लिए कितना महत्वपूर्ण है।
चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी गतिरोध के बीच भारतीय वायुसेना को 5 राफेल लड़ाकू विमान मिले जा रहा है। फ्रांस से 5 राफेल लड़ाकू विमान ने सोमवार को उड़ान भरा और 29 जुलाई को हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर लैंड करेगा। इस बीच भारतीय वायुसेना के पूर्व एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने बताया है कि राफेल लड़ाकू विमान इंडियन एयरफोर्स के लिए कितना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा, "यह इंडियन एयरफोर्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। जब हमने आखिरी बार नए लड़ाकू विमान खरीदा था, उसे 18 साल हो चुका है। अंतिम लड़ाकू विमान Su-30MKI था, जिसे 2002 में आया था। आज 18 साल बाद हम एक आधुनिक और अत्याधिक सक्षम लड़ाकू विमान प्राप्त कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "आपको इसे वर्तमान परिदृश्य की पृष्ठभूमि में भी देखना चाहिए, जहां हमें अपने उत्तरी पड़ोसी से बड़ा खतरा है। इस मोड़ पर राफेल का आना बहुत महत्वपूर्ण है, न केवल भारतीय वायुसेना के लिए, बल्कि खुद भारत के लिए भी।"
You must view this also under the backdrop of the present scenario where we have major threat from our northern neighbours. #Rafale coming at this juncture is very important not only to the IAF but to India itself: Air Marshal (Retd) Raghunath Nambiar https://t.co/wukNkvnk7C
— ANI (@ANI) July 27, 2020
यूएई के रास्ते भारत आएंगे राफेल लड़ाकू विमान
फ्रांस से रवाना हुए 5 राफेल लड़ाकू विमानों को भारतीय वायुसेना के पायलट उड़ा रहे हैं और ये रीफ्यूलिंग के लिए संयुक्त अरब अमीरात के अल धाफरा एयरबेस पर रुकेंगे। विमान को भारतीय वायु सेना के टैंकर विमानों द्वारा भारत के लिए रवाना होने से पहले संयुक्त अरब अमीरात में एक एयरबेस के रास्ते पर फिर से उतारा जाएगा। पांचों राफेल विमान 7364 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे।
36 विमानों के समझौते की यह पहली खेप है-
माना जा रहा है कि अगले हफ्ते इन पांचों विमानों की तैनाती चीन सीमा विवाद के मद्देनजर की जाएगी। ये पांच विमान भारत और फ्रांस के बीच हुई 36 विमानों के समझौते की पहली खेप है। अबतक वायुसेना के 12 लड़ाकू पायलटों ने फ्रांस में राफेल लड़ाकू जेट पर अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। कुछ और अपने प्रशिक्षण के उन्नत चरण में हैं।