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इतालवी नौसैनिक मामला : न्यायालय ने केंद्र को मारे गए मछुआरों के लिए मुआवजा राशि जमा कराने को कहा

By भाषा | Updated: April 9, 2021 19:59 IST

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नयी दिल्ली, नौ अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से फरवरी 2012 में केरल तट के पास इतालवी नौसैनिकों के हमले में मारे गए दो भारतीय मछुआरों के परिजनों के लिए इटली द्वारा दिए जाने वाले 10 करोड़ रुपये उसके खाते में जमा कराने का शुक्रवार को निर्देश दिया।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत मुआवजे की राशि मछुआरों के परिजनों को दे देगी।

पीठ ने निर्देश दिया कि भारत को राशि मिल जाने के बाद उसे एक सप्ताह के भीतर इस न्यायालय में जमा किया जाए। पीठ ने मामले को 19 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया है।

पीठ ने इटली की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सुहैल दत्त की इस दलील पर गौर किया कि 21 मई, 2020 के अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण फैसले के अनुसार देय मुआवज़ा आज उनके मुवक्किल द्वारा जमा करा दिया जाएगा। यह राशि विदेश मंत्रालय द्वारा बताए गए खाते में जमा करायी जाएगी।

पीठ दो इतालवी नौसैनिकों सल्वातोर गिरोने और मासिमिलानो लतोरे के खिलाफ मामले को बंद करने के लिए केंद्र की याचिका पर विचार कर रही थी।

फरवरी 2012 में भारत ने दो इतालवी नौसैनिकों सल्वातोर गिरोने और मासिमिलानो लतोरे पर अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में मछली पकड़ रहे दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप लगाया था। घटना के वक्त दोनों इतालवी नौसैनिक इटली के झंडा लगे एक टैंकर पोत एमवी एनरिका लेक्सी पर सवार थे।

सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पीड़ितों के परिवार ने मुआवजे के तौर पर 10 करोड़ रुपये की राशि को लेकर सहमति दी है जो उन्हें दी जा चुकी अनुग्रह राशि के अतिरिक्त होगी।

मेहता ने कहा कि केंद्र ने इतालवी सरकार से पीड़ितों के परिवार को मुआवजे के लिए मध्यस्थता की थी और इसे उन्होंने स्वीकार किया था।

मेहता ने कहा कि केरल सरकार ने विदेश सचिव को बताया है कि उसने पीड़ितों के परिवार से संपर्क किया और उन्होंने सहमति दी है कि मुआवजे को लेकर वे सहमत हैं।

केरल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता ने पुष्टि की है कि परिवार ने मुआवजे पर सहमति जतायी है।

पीड़ितों में से एक के परिवार की तरफ से पेश अधिवक्ता उन्नी कृष्णन ने पीठ को बताया कि कुछ रकम उन्हें दे दी गयी है, लेकिन न्यायाधिकरण के हिसाब से भुगतान नहीं हुआ है।

इटली के लिए पेश वकील ने कहा कि विदेश मंत्रालय के जरिए भारत में रकम पीड़ितों के परिवार को दी जाएगी।

पिछले साल सात अगस्त को शीर्ष अदालत ने केंद्र से स्पष्ट कर दिया था कि मुआवजे के लिए पीड़ितों के परिवारों को सुने बिना वह दोनों इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ मामले को बंद करने के अनुरोध वाली याचिका पर कोई आदेश जारी नहीं करेगी।

केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि इटली ने भारत सरकार को आश्वस्त किया है कि वह कानून के तहत दोनों नौसैनिकों के खिलाफ मुकदमा चलाएगी और पीड़ितों के परिवारों को अधिकतम मुआवजा दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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