’’जासूसी मामले में फंसाने के पीछे अमेरिका के हाथ होने की बात तत्कालीन प्रधानमंत्री को बतायी थी’’
By भाषा | Published: July 14, 2021 10:06 PM2021-07-14T22:06:09+5:302021-07-14T22:06:09+5:30
तिरुवनंतपुरम, 14 जुलाई भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने बुधवार को यहां एक अदालत को बताया कि उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री को बताया था कि उन्हें 1994 के जासूसी मामले में फंसाने के पीछे अमेरिका का हाथ था, लेकिन इसे प्रचारित-प्रसारित न करने को कहा गया था, ताकि उस सरकार के साथ देश के संबंध खराब न हों।
उन्होंने यह बात अपने अभिवेदन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी कृष्णकुमार के समक्ष कही जो केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक एस मैथ्यूज की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।
प्रकरण में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मैथ्यूज और 17 अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।
अदालत ने नारायणन के अतिरिक्त मालदीव की दो नागरिकों-मरियम रशीदा और फौसिया हसन की दलीलें भी सुनीं। नारायणन के साथ इन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया था। तीनों ने मैथ्यूज को कोई राहत दिए जाने का विरोध किया।
मैथ्यूज ने अपने वकील वी अजाकुमार के माध्यम से आरोपों से इनकार किया और कहा कि नारायणन और दो महिलाओं को गुप्तचर ब्यूरो के अधिकारियों के दबाव में गिरफ्तार किया गया था।
अदालत में दलीलें बेनतीजा रहीं। मामले में अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी।
उच्चतम न्यायालय ने नारायणन को जासूसी के मामले में फंसाने में पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच से जुड़ी उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट सीबीआई को सौंपे जाने का आदेश दिया था।
शीर्ष अदालत ने नारायणन को बरी करने के बाद 2018 में शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी के जैन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की थी।
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