इसरो लॉन्च करेगा 'रिसैट- 2बीआर1', भारत अब रात में भी आसामान से रख सकेगा दुश्मनों पर नजर
By स्वाति सिंह | Updated: May 6, 2019 15:04 IST2019-05-06T15:02:45+5:302019-05-06T15:04:12+5:30
इस सैटलाइट से भारतीय सुरक्षाबलों की क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी। रिसैट-2बीआर1 की मदद से भारत सभी मौसम में निगरानी बेहतर ढंग से कर सकेगा। इस सैटलाइट में खासियत यह है कि इसका रडार बादलों के होने पर भी काम कर सकता है और 1 मीटर के रिजॉल्यूशन तक जूम कर सकता है।

पुरानी रीसैट सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों का इस्तेमाल 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान किया गया था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक इमेजिंग सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है। इसरो 22 मई को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से नवीनतम रडार इमेजिंग सैटेलाइट रिसैट-2बीआर1 लॉन्च करेगा।
इस सैटलाइट से भारतीय सुरक्षाबलों की क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी। रिसैट-2बीआर1 की मदद से भारत सभी मौसम में निगरानी बेहतर ढंग से कर सकेगा। इस सैटलाइट में खासियत यह है कि इसका रडार बादलों के होने पर भी काम कर सकता है और 1 मीटर के रिजॉल्यूशन तक जूम कर सकता है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने इसरो के सूत्रों का हवाला देकर छपी रिपोर्ट के मुताबिक 'रिसैट-2बीआर1 सैटेलाइट पिछली रिसैट सैटेलाइट्स के मुकाबले ज्यादा एडवांस है। वैसे यह देखने में बिल्कुल पिछली रिसैट सैटेलाइट्स की तरह ही है। लेकिन इसमें निगरानी रखने और तस्वीरें खींचने की क्षमता में पिछली रिसैट सैटेलाइट्स के मुकाबले ज्यादा अच्छी है।'
इसके साथ ही इसके द्वारा समुद्र में मौजूद दुश्मनों पर भी नजर रखी जा सकेगी। पुरानी रीसैट सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों का इस्तेमाल 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान किया गया था। इस साल फरवरी में बालाकोट में हुई एयरस्ट्राइक में भी रीसैट सैटेलाइट किया गया था।
बता दें कि 26/11 हमलों के बाद भारत में 2008 में हुए हमलों के बाद से ही रीसैट-1 प्रोग्राम के ऊपर रीसैट- 2 प्रोग्राम को अधिक प्राथमिकता दी गई थी। इस रीसैट में एडवांस रडार सिस्टम था जिससे घुसपैठ कर रहे दुश्मनों पर आसानी से नजर रखी जा सकती है।