लॉन्च होने के 48 घंटे के भीतर जीसैट-6ए सैटेलाइट से टूटा इसरो का सम्पर्क
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 1, 2018 03:24 PM2018-04-01T15:24:15+5:302018-04-01T15:43:29+5:30
इसरो के बयान के मुताबिक शुक्रवार (30 मार्च) को सुबह 9.22 बजे तक उसका सैटेलाइट से सम्पर्क था। जीसैट-6ए सैटेलाइट का अपनी कक्षा में स्थापित होने से पहले ही इसरो से सम्पर्क टूट गया।
भारतीय अंतरिक्ष संस्थान (इसरो) का जीसैट-6ए सैटेलाइट से सम्पर्क टूट गया है। इसरो ने ये सैटेलाइट गुरुवार (27 मार्च) को लॉन्च किया था। इसरो ने रविवार (एक अप्रैल) को जारी एक बयान में ये जानकारी दी। इसरो के बयान के मुताबिक शुक्रवार (30 मार्च) को सुबह 9.22 बजे तक उसका सैटेलाइट से सम्पर्क था। जीसैट-6ए सैटेलाइट का अपनी कक्षा में स्थापित होने से पहले ही इसरो से सम्पर्क टूट गया। रिपोर्ट के अनुसार सैटेलाइट अपनी पहली दो परिक्रमाएँ पूरी कर चुका था लेकिन तीसरे और अंतिम कक्षा में पहुँचने से पहले ही उससे इसरो के नियंत्रण कक्ष का सम्पर्क टूट गया।
जीसैट-6ए भारत का स्वदेश निर्मित उपग्रह है। इसरो के अनुसार इसे बनाने में 270 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। ये सैटेलाइट हाथ में लिए जाने उपकरणों तक सिग्नल भेज सकता था। जीसैट-6ए में अब तक इसरो के सभी उपग्रहों से बडा़ एंटीना लगा हुआ था। अभी तक इसरो के वैज्ञानिक ये नहीं समझ पाएं हैं कि जीसैट-6ए के साथ क्या गड़बड़ी हुई है। ये भी साफ नहीं है कि ये सैटेलाइट इसरो के नियंत्रण में दोबार वापस आ सकेगा या नहीं।
इसरो के मुताबिक जीसैट-6ए को डाटा के दोनों तरफ से आदान-प्रदान संभव हो सके। इसके माध्यम से डाटा, वॉयस या वीडियो डाटा ट्रांसमिट हो सकता है। इसरो के अनुसार इसकी मदद से देश के किसी भी कोन से हाथ में पकड़े जा सकने लायक उपकरण से भी डाटा का लेन-देन संभव हो जाता। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) इस हैंड-हेल्ड डिवाइसको अंतिम रूप दे रहा है जो जीसैट-6ए से डाटा लेने में सक्षम होगा। इस डिवाइस को सुदूरवर्ती इलाकों में तैनात सुरक्षाकर्मियों को दिए जाने की योजना है।