सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्रः 2025 में एक और खुशी, ‘सॉलिड मोटर स्टैटिक टेस्ट फैसिलिटी’ के तीसरे चरण संस्करण का सफल परीक्षण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 31, 2025 11:24 IST2025-12-31T11:23:16+5:302025-12-31T11:24:41+5:30

Satish Dhawan Space Centre:एसएसएलवी इसरो द्वारा विकसित तीन-चरणीय, पूर्णत: ठोस-ईंधन प्रक्षेपण यान है जिसे औद्योगिक उत्पादन के अनुकूल बनाया गया है और यह दो प्रक्षेपणों के बीच कम समय में तैयारी पूरी कर मांग के अनुसार प्रक्षेपण की जरूरतें पूरी कर सकता है।

ISRO conducts static test upgraded SSLV third stage Satish Dhawan Space Centre Another joy in 2025 successful testing third stage 'Solid Motor Static Test Facility' | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्रः 2025 में एक और खुशी, ‘सॉलिड मोटर स्टैटिक टेस्ट फैसिलिटी’ के तीसरे चरण संस्करण का सफल परीक्षण

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Highlightsइसरो ने बताया कि यह परीक्षण मंगलवार को किया गया।‘मोनोलिथिक कंपोजिट मोटर केस’ तथा ‘फ्री-स्टैंडिंग नोजल डाइवर्जेंट’ का उपयोग किया गया है।परिणामस्वरूप एसएसएलवी की पेलोड क्षमता 90 किलोग्राम बढ़ी है।

बेंगलुरुः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) की ‘सॉलिड मोटर स्टैटिक टेस्ट फैसिलिटी’ में लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) के तीसरे चरण के उन्नत संस्करण का सफल स्थैतिक परीक्षण किया है। इसरो ने बताया कि यह परीक्षण मंगलवार को किया गया।

इसरो ने एक बयान में कहा कि एसएसएलवी इसरो द्वारा विकसित तीन-चरणीय, पूर्णत: ठोस-ईंधन प्रक्षेपण यान है जिसे औद्योगिक उत्पादन के अनुकूल बनाया गया है और यह दो प्रक्षेपणों के बीच कम समय में तैयारी पूरी कर मांग के अनुसार प्रक्षेपण की जरूरतें पूरी कर सकता है। इसमें कहा गया, ‘‘ऊपरी चरण या तीसरे चरण की ठोस मोटर, प्रक्षेपण यान को चार किलोमीटर प्रति सेकंड तक का वेग प्रदान करती है और चरण के निष्क्रिय द्रव्यमान को सीमित करने के लिए इसमें ‘मोनोलिथिक कंपोजिट मोटर केस’ तथा ‘फ्री-स्टैंडिंग नोजल डाइवर्जेंट’ का उपयोग किया गया है।’’

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि स्थैतिक परीक्षण ने लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान के चरण-तीन (एसएस3) के उस उन्नत संस्करण को मान्य किया जिसमें कार्बन-एपॉक्सी मोटर केस लगाया गया है। इससे चरण का द्रव्यमान उल्लेखनीय रूप से कम हुआ है और इसके परिणामस्वरूप एसएसएलवी की पेलोड क्षमता 90 किलोग्राम बढ़ी है।

इसरो ने स्पष्ट किया, ‘‘इस चरण में ‘इग्नाइटर’ और ‘नोजल’ प्रणाली के लिए भी उन्नत डिजाइन का इस्तेमाल किया गया है जिससे प्रणाली अधिक दक्ष और मजबूत बनती है।’’ इसमें कहा गया कि उच्च-शक्ति कार्बन फिलामेंट लपेटकर तैयार किए गए मोटर केस को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) की कंपोजिट्स इकाई में तैयार किया गया और सॉलिड मोटर को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में सॉलिड मोटर उत्पादन सुविधाओं में ढाला गया था। बयान में कहा गया, ‘‘108 सेकंड की परीक्षण अवधि के दौरान सभी मापदंडों को अनुमान के करीब पाया गया।

इस सफल स्थैतिक परीक्षण के साथ एसएस3 मोटर का उन्नत संस्करण प्रक्षेपण में शामिल किए जाने के लिए योग्य ठहराया गया है।’’ इसरो के अनुसार, इस वर्ष देश में अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए ठोस मोटर की निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए कई सुविधाएं शुरू की गई हैं। बयान के अनुसार, क्षमता बढ़ाने के लिए जुलाई 2025 में श्रीहरिकोटा में सॉलिड मोटर उत्पादन सुविधाएं शुरू की गईं।

इसमें कहा गया कि ठोस मोटर के लिए आवश्यक प्रमुख घटक के उत्पादन को दोगुना करने के लिए सितंबर 2025 में अलुवा स्थित अमोनियम परक्लोरेट संयंत्र में अमोनियम परक्लोरेट का उत्पादन शुरू किया गया है। इस वर्ष एसडीएससी में सॉलिड मोटर उत्पादन के लिए 10 टन का स्वदेशी ‘वर्टिकल मिक्सर’ भी शुरू किया गया, जो दुनिया का सबसे बड़ा ठोस प्रणोदक मिश्रण उपकरण है।

सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र की ठोस मोटर उत्पादन एवं स्थैतिक परीक्षण (एसएमपीएसटी) सुविधाओं ने एक भारतीय अंतरिक्ष स्टार्ट-अप द्वारा विकसित प्रक्षेपण यान की पहली कक्षीय उड़ान के लिए ठोस मोटर का निर्माण भी किया है और उसका स्थैतिक परीक्षण भी किया है। भाषा सिम्मी शोभना शोभना

Web Title: ISRO conducts static test upgraded SSLV third stage Satish Dhawan Space Centre Another joy in 2025 successful testing third stage 'Solid Motor Static Test Facility'

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