चंद्रयान-3 की असली परीक्षा अब शुरू होगी, इसरो प्रमुख बोले- 100 किलोमीटर की कक्षा से नीचे उतारना बेहद महत्वपूर्ण चरण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 7, 2023 20:23 IST2023-08-07T20:21:52+5:302023-08-07T20:23:07+5:30

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा है कि चंद्रयान-3 का सर्वाधिक महत्वपूर्ण चरण कक्षा निर्धारण प्रक्रिया होगी, जब अंतरिक्षयान 100 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा से चंद्रमा के करीब जाना शुरू करेगा।

Isro chief S Somanath talkd about most critical phase of Chandrayaan-3 | चंद्रयान-3 की असली परीक्षा अब शुरू होगी, इसरो प्रमुख बोले- 100 किलोमीटर की कक्षा से नीचे उतारना बेहद महत्वपूर्ण चरण

फोटे क्रेडिट - LVM3-M4/CHANDRAYAAN-3 MISSION (ट्विटर)

Highlightsचंद्रयान-3 अच्छी हालत में है और इसका सर्वाधिक महत्वपूर्ण चरण शुरू होने वाला है - इसरो प्रमुखचंद्रयान-2 से मिले अनुभव से काफी मदद मिलेगी - इसरो प्रमुखहम इस बार इसे बहुत सही तरीके से नीचे उतारने में सक्षम हैं - इसरो प्रमुख

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने सोमवार को कहा कि चंद्रयान-3 अच्छी हालत में है और इसका सर्वाधिक महत्वपूर्ण चरण कक्षा निर्धारण प्रक्रिया होगी, जब अंतरिक्षयान 100 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा से चंद्रमा के करीब जाना शुरू करेगा। प्रक्षेपण यान मार्क-3 रॉकेट से 14 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान अब चंद्रमा की 4,313 किलोमीटर (किमी) दीर्घवृत्ताकार कक्षा में मौजूद है और इसे 100 किमी की वृत्ताकार कक्षा में ले जाने के लिए नौ से 17 अगस्त के बीच सिलसिलेवा प्रक्रियाएं किये जाने की जरूरत है।

विक्रम लैंडर के चंद्रमा पर 23 अगस्त को उतरने की उम्मीद है। सोमनाथ ने पीटीआई-भाषा से कहा, "100 किमी तक हम कोई कठिनाई नहीं देख रहे हैं। समस्या केवल पृथ्वी से लैंडर की स्थिति का अनुमान लगाने में है। यह माप एक बहुत महत्वपूर्ण माप है, हम इसे कक्षा निर्धारण प्रक्रिया कह सकते हैं। यदि यह सही है तो शेष प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।"

इसरो अध्यक्ष ने कहा, "हम इस बार इसे बहुत सही तरीके से नीचे उतारने में सक्षम हैं। योजना के अनुसार कक्षा में बदलाव किया जा रहा है। इसमें कोई भटकाव नहीं है। इसलिए, यह शानदार नतीजे दे रहा है और हमें उम्मीद है कि सब कुछ ठीक रहेगा।" उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 से मिला अनुभव बहुत उपयोगी साबित हो रहा है क्योंकि अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रमा पर एक अंतरिक्षयान उतारने की कोशिश की थी। 2019 में यह अभियान आंशिक रूप से सफल रहा था।

सोमनाथ ने कहा, "चंद्रयान-2 से मिले अनुभव से काफी मदद मिलेगी। क्या कुछ गलत रहा, उस पर हमने काफी विस्तार से विचार किया। हमने फिर से परिदृश्य तैयार किया और चंद्रयान-3 में काफी संशोधन किया।" उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 अभियान से मिली चंद्रमा की तस्वीरों का उपयोग चंद्रयान-3 की बेहतर अवस्थिति के लिए किया गया। सोमनाथ ने कहा, "हमने आकस्मिक स्थिति एवं गड़बड़ी से निपटने के लिए और अधिक सूचना जुटाई। हमने इन सभी चीजों पर व्यापक परीक्षण कार्यक्रम संचालित किया।"

(इनपुट - भाषा)

Web Title: Isro chief S Somanath talkd about most critical phase of Chandrayaan-3

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे