राजस्थान से इजराइल सीखेगा जैतून चाय बनाने की तकनीक, PM बेंजामिन हुए स्वाद के मुरीद

By रामदीप मिश्रा | Updated: January 22, 2018 08:13 IST2018-01-22T08:13:19+5:302018-01-22T08:13:47+5:30

राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का स्वागत राजस्थान में बनी जैतून चाय से करना हमारे लिए गौरव की बात है।

Israel to learn from rajasthan how to make olive tea | राजस्थान से इजराइल सीखेगा जैतून चाय बनाने की तकनीक, PM बेंजामिन हुए स्वाद के मुरीद

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इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजराइल राजस्थान से जैतून की प्रसंस्कृत चाय बनाने की तकनीक सीखेगा। यह बयान उन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राष्ट्रपति भवन में उनके स्वागत में पेश की गई जैतून चाय पीने के बाद दिया। उल्लेखनीय है कि यह चाय राजस्थान ऑलिव कल्टीवेशन लिमिटेड द्वारा राजस्थान और इजराइल के संयुक्त उपक्रम में बीकानेर में उत्पादित जैतून से बनी थी। इजराइली प्रधानमंत्री ने इस चाय की प्रशंसा की और उनसे जैतून उत्पादन और चाय प्रसंस्करण के बारे में जानकारी ली। 

राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का स्वागत राजस्थान में बनी जैतून चाय से करना हमारे लिए गौरव की बात है। हमें गर्व कि जिस इजराइल से हम जैतून का प्लांटिंग मैटेरियल लाए थे, वहां के प्रधानमत्री हमसे जैतून चाय बनाने की तकनीक सीखने के लिए कह रहे हैं। 

कृषि मंत्री सैनी ने बताया कि राज्य में जैतून की खेती की शुरूआत इस सरकार के गत कार्यकाल में हुई, जब मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में कृषि विशेषज्ञों का एक दल इजराइल गया था। वहां से लौटने के बाद मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने प्रदेश में जैतून की खेती करने का निर्णय लिया। 

20 मार्च, 2008 को बस्सी के ढिंढोल फार्म पर जैतून के प्रथम पौधे का रोपण किया गया। राज्य के 7 कृषि जलवायु खंडों में इसका प्रायोगिक रोपण किया गया। यह प्रयोग सफल हुआ और राज्य में जैतून लहलहाने लगा। राज्य में जैतून अरबेक्विना, बरनियर, फ्रंटोयो, कोर्टिना, कोलोनाइकी, पासोलिन, पिकुअल किस्मों का पौधारोपण किया गया था। रोचक बात है कि जैतून राज्य की परम्परागत फसल नहीं होने के बावजूद भी इसका उत्पादन और प्रसंस्करण राजस्थान में सफलतापूर्वक होने लगा है।

सरकार ने जैतून उत्पादक किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए इसकी पत्तियों के विपणन और प्रसंस्करण के लिए शोध शुरू किया। कई महीनों तक चले इस शोध में सामने आया कि जैतून की पत्तियों से चाय बनाई जा सकती है। विभाग ने इस पर गंभीरता से विचार किया और जैतून की चाय बनाने के लिए ओलिटिया फूड्स कंपनी ने सरकार के साथ एमओयू किया। कंपनी ने जयपुर जिले के बस्सी में जैतून पत्तियों की चाय का संयत्र स्थापित कर विश्व की पहली प्रसंस्कृत चाय का उत्पादन शुरू किया।

कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि विद्यासागर विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में जैतून को 12 प्रकार के कैंसर सहित एचआईवी जैसे रोगों से लड़ने में कारगर माना है। शोध में पता चला है कि राज्य में उत्पादित जैतून में ट्राइटरपेनिक एसि मिला है, इस एसिड का उपयोग कैंसर प्रतिरोधी दवा बनाने में होता है। 

जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि 100 ग्राम जैतून फल में 60 मिलीग्राम तक यह तत्व पाया गया है। इसके साथ ही इसकी चाय भी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज का काम करेगी। यह चाय यह एंटी ऑक्सिडेंट और एंटीडायबिटीक होने के साथ ही हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करती है। 

Web Title: Israel to learn from rajasthan how to make olive tea

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