नई दिल्ली: धार्मिक संगठन की तीखी आलोचना करते हुए भाजपा सांसद मेनका गांधी ने हाल ही में कहा था कि इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) अपने गौशालाओं से कसाइयों को कथित तौर पर गायों की बिक्री करता है और वो देश में सबसे बड़ा धोखा है। वहीं, विश्व स्तर पर सबसे प्रभावशाली कृष्ण संप्रदाय के रूप में पहचाने जाने वाले इस्कॉन ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि ये निराधार और झूठे हैं।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और पशु अधिकार कार्यकर्ता गांधी पशु कल्याण के मुद्दों पर सोशल मीडिया पर मुखर रही हैं। सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वो कहती नजर आ रही हैं कि देश का सबसे बड़ा धोखेबाज इस्कॉन है। वे गौशालाओं की स्थापना करते हैं जिसके लिए उन्हें गौशाला चलाने के लिए सरकार से असीमित लाभ मिलता है।
इस्कॉन के प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंदा दास ने मेनका गांधी के दावों को खारिज कर दिया और कहा, "इस्कॉन न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर गाय और बैल की सुरक्षा और देखभाल में सबसे आगे रहा है। जैसा कि आरोप लगाया गया है, गायों और बैलों की जीवनपर्यंत सेवा की जाती है, उन्हें कसाइयों को नहीं बेचा जाता है।"
सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए दास ने लिखा, "गौशाला में नियमित आने वाले स्थानीय सांसद और विधायकों के आकलन से इस मामले पर कुछ और रोशनी पड़नी चाहिए। जबकि गांधी ने कहा है कि उन्होंने गौशाला का दौरा किया था, किसी भी कर्मचारी या स्टाफ को उन्हें देखने/मिलने की याद नहीं है।"