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दुनिया का नक्शा बदल देना चाहता था खूंखार आतंकी बगदादी, बनाना चाहता था इस्लामिक देश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 27, 2019 12:43 IST

बगदादी के मरने की कई खबरें पहले भी आ चुकी हैं। और उसके कुछ दिन बाद ही बगदादी कई बार वीडियो जारी कर दस्तक देकर लोगों को चौंका चुका है।

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ठळक मुद्देजानकारों की मानें तो बगदादी अपना साम्राज्य हिन्‍दुस्तान में गुजरात समेत उत्तर पश्चमी राज्यों तक फैलाना चाहता है।इन राज्यों पर कब्जा कर बगदादी ‘द इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासान’ बनना चाहता था।

सीरिया में अमेरिकी सेना द्वारा किए गए हमले में इस्लामिक स्टेट का शीर्ष आतंकवादी अबू बकर अल-बगदादी संभवत: मारा गया है। एक अमेरिकी अधिकारी ने बयान जारी कर यह जानकारी दी। अमेरिकी अधिकारी ने शनिवार को देर रात बताया कि सीरिया के इदलिब प्रांत में बगदादी को निशाना बनाया गया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘अभी तुरंत कुछ बड़ा हुआ है।’ आखिर एक समय बेहतरीन फुटबॉलर कहा जाने वाला बगदादी दुनिया का इतना खूंखार आतंकी कैसे बना..

पूरी दुनिया में आतंक और दहशत का पर्याय बन चुके चरमपंथी समूह आईएसआईएस की क्रूरता और जुल्म उसकी ओर से अक्सर जारी किए जाने वाले वीडियो के जरिए सामने आते रहते हैं। हालांकि इनकी कोई एक या दो फोटो ही प्रचलित हैं। आईएसआईएस मुखिया अपने कमांडरों को संबोधित करते समय भी मास्क पहने रहते हैं। अपने प्रचार के लिए ये आतंकी गुट सोशल मीडिया का भी भरपूर इस्तेमाल करता है। पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुके इस आतंकी समूह और इसके मुखिया के बारे में जानना जरूरी हो जाता है कि यह कैसे अस्तित्व में आया और कहां से जुटाई इसने इतनी बड़ी ताकत।

माना जाता है कि बगदादी का जन्म बगदाद के उत्तर में स्थित समारा में 1971 में हुआ था। रिपोर्टों के अनुसार, अमरीका के नेतृत्व में साल 2003 में इराक़ पर हुए हमले के दौरान वो इसी शहर की एक मस्जिद में मौलवी था। लेकिन वहीं कुछ लोग मानते हैं कि सद्दाम हुसैन के शासनकाल से ही वो एक चरमपंथी जिहादी था। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि चरमपंथ की ओर उसका झुकाव दक्षिणी इराक़ में स्थित कैंप बक्का में चार साल अमरीकी हिरासत में रहने के दौरान हुआ। यही वो कैंप है जहां अधिकांश अल-क़ायदा कमांडरों को रखा गया था।

बगदादी की पूर्व पत्नी सागा अल डुलिमी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बगदादी पहले खून का प्यासा आतंकवादी नहीं था। डुलिमी ने बताया था कि जब उनकी बगदादी से शादी हुई थी तब वह एक यूनिवर्सिटी में लेक्चरर था। वह एक पारिवारिक आदमी था, बच्चों से प्यार करता था। वह काफी देखभाल करने वाला इंसान था। लेकिन काफी रहस्यमयी पर्सनैलिटी का व्यक्ति था। कैसे वह एक आम इंसान से आईएसआईएस का चीफ बन गया, यह भी रहस्य है।

बताया जाता है कि इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन के खिलाफ युद्ध छेड़े जाने से पहले 2003 तक बगदादी को अमेरिका से कोई घृणा नहीं थी और न ही वह उन्हें अपना दुश्मन मानता था। बगदादी 2003 में इराक में अल कायदा से जुड़ा जब अमेरिका ने इराक पर हमला किया था।

सद्दाम हुसैन की मौत के बाद जैसे ही अमेरिकी सेना इराक छोड़ कर बाहर आई वैसे ही वहां छोटे-मोटे कई गुट अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए लड़ने लगे और उन्हीं में से एक गुट का नेता था अल-कायदा का इराक में चीफ अबू बकर अल बगदादी। 2011 में अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही बगदादी ने अल-कायदा इराक का नाम बदलकर इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक (आईएसआईएस) रख लिया। इसके बाद वह दुनिया के दर्जनभर मुल्कों पर कब्जा कर एक इस्लामिक देश बनाना चाहता है, जिसका खलीफा वो खुद बनना चाहता है।सीरिया के होम्स प्रांत में जिहादियों के एक हमले के दौरान इस्लामिक स्टेट सरगना अबू बकर अल-बगदादी का बेटा हुदायफाह अल-बद्री मारा गया। आईएस की प्रोपैगैंडा एजेंसी अमाक ने एक बयान में कहा, 'होम्स में थर्मल पावर स्टेशन पर नुसायरियाह और रूस के खिलाफ अभियान में अल-बद्री मारा गया।' अमाक ने इसके साथ एक युवक की तस्वीर जारी की है जिसके हाथ में राइफल है।आईएस राष्ट्रपति बशर अल-असद के अलावैत धार्मिक अल्पसंख्यक पंथ के लिए नुसायरियाह शब्द का इस्तेमाल करता है। आईएस ने 2014 में ईराक के बड़े हिस्से पर कब्जे के बाद सीरिया और ईराक में खुद को खलीफा घोषित किया था।बहरहाल, तब से लेकर अब तक सीरिया और इराकी बलों के आतंकवाद रोधी अभियान में जिहादियों को काफी हद तक खदेड़ा गया।पिछले साल इराकी सरकार ने आईएस पर जीत का एलान किया था, लेकिन सेना अब भी सीरियाई सीमा पर ज्यादातर मरुस्थलीय इलाकों को निशाना बनाकर अभियान चला रही है।इराक के एक खुफिया अधिकारी ने मई में बताया था कि कई मौकों पर मृत घोषित किया गया आईएस नेता बगदादी अब भी जिंदा है और सीरिया में है। बगदादी को 'धरती पर सबसे वांछित व्यक्ति' घोषित किया गया है और अमेरिका ने उसे पकड़ने पर दो करोड़ 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है।

इराक के फैजुल्लाह में अमेरिकी फोर्स ने 2005 में बगदादी को गिरफ्तार किया। बगदादी गरीब और कैंप बुक्का डिटेंशन सेंटर में रखा गया। जहां से 10 महीने बाद रिहा कर दिया गया।

इसके बाद इराक में अमेरिकी बमबारी के दौरान अल कायदा के 2 बड़े कमांडरों की मौत के बाद में इस्लामिक स्टेट का प्रमुख बनकर उभरा। फिर बगदादी के लड़ाके सीरिया में घुसे और गृहयुद्ध छेड़ दिया। यहीं से ISI का नाम बदलकर इस्लामिट स्टेट इन इराक और अल-शाम बना। इसके बाद संगठन का नाम बदलकर इस्लामिक स्टेट रखा।

इसके बाद इराक के दूसरे बड़े शहर मोसुल पर कब्जा कर खुद को खलीफा घोषित किया। आर्मी के बढ़ते प्रेशर के चलते इस्लामिक स्टेट वापस सिमटने पर मजबूर हुआ। फिर इस्लामिक स्टेट के कब्जे से मोसुल और रक्का आजाद हुये। यहीं इराक औऱ सीरिया के बीच मौजूद रेगिस्तान में बगदादी छिप गया। इस्लामिक स्टेट के प्रभुत्व वाला आखिरी गांव बगज भी आजाद हुआ।

जानकारों की मानें तो बगदादी अपना साम्राज्य हिन्‍दुस्तान में गुजरात समेत उत्तर पश्चमी राज्यों तक फैलाना चाहता है और यही बगदादी का असल मकसद भी है। और इन राज्यों पर कब्जा कर बगदादी ‘द इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासान’ बनना चाहता था।

टॅग्स :आईएसआईएसआतंकवादी
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