ट्रिपल तलाक के खिलाफ जंग लड़ने वाली इशरत जहां बीजेपी में शामिल, ऐसा रहा सफरनामा

By पल्लवी कुमारी | Updated: January 1, 2018 12:10 IST2018-01-01T11:55:35+5:302018-01-01T12:10:57+5:30

पश्चिम बंगाल के बीजेपी कार्यालय में इशरत जहां को सम्मानित कर 30 दिसंबर 2017 को बीजेपी में शामिल किया गया।

ishrat jahan who fight against triple talaq join bjp | ट्रिपल तलाक के खिलाफ जंग लड़ने वाली इशरत जहां बीजेपी में शामिल, ऐसा रहा सफरनामा

ishrat jahan

तीन तलाक के खिलाफ लड़ने वाली और याचिकाएं दाखिल करने वाली इशरत जहां भारतीय जनता पार्टी  में शामिल हो गई हैं। इशरत जहां का कहना है कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी के सारे नेता मुस्लिम महिलाओं के हक में लड़ रहे हैं, ऐसे में वह पार्टी से जुड़कर कुछ अच्छा करना चाहती हैं। बता दें कि तीन तलाक को गैरकानूनी बताते हुए पश्चिम बंगाल के हावड़ा की रहने वाली इशरत जहां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।   

इशरत जहां के बीजेपी में शामिल होने की जानकारी  पश्चिम बंगाल के महासचिव सायंतन बसु ने दी। सायंतन बसु ने कहा कि इशरत जहां 30 दिसंबर 2017 को हावड़ा स्थित हमारे कार्यालय में बीजेपी में शामिल हुईं हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टस की मानें तो इशरत जहां को बीजेपी द्वारा सम्मानित भी किया गया था।

कौन हैं इशरत जहां

- इशरत जहां पश्चिम बंगाल हावड़ा की रहने वाली हैं। उनके पति दुबई में रहते थे। साल 2014 में  इशरत के पति ने दुबई से फोन करके उन्हें तीन तलाक दे दिया था।

- इशरत सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली उन पांच  याचिकाकर्ताओं में से एक हैं, जिनकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया। 

- इशरत हावड़ा के पिलखना में रहती हैं। यहां का घर इशरत के पति ने 2004 में दहेज में मिली रकम से खरीदा था। 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी इशरत की मुश्किलें खत्म नहीं हुई

सुप्रीम कोर्ट ने भले ही तीन तलाक को असंवैधानिक करार दे दिया था। लेकिन इससे इशरत की परेशानियां खत्म नहीं हो पाई थी। इशरत ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी उनके ससुराल वाले और पड़ोसी चरित्र को लेकर गंदी टिप्पणी करते थे। इशरत को आए दिन गंदी गालियां और खरी-खोटी सुनने को मिल जाती थी। इशरत के कुछ पड़ोसियों ने उनसे बात तक करना भी छोड़ दिया था।  

लोकसभा में पास हुआ तीन तलाक का बिल 

लोकसभा में 28 दिसंबर 2017 को तीन तलाक संबंधी मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक पारित कर दिया गया है। बिल में फौरी तौर पर तीन तलाक को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखते हुए तीन साल तक कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर गरीब और त्यक्ता मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में खड़ा होना अपराध है तो ये अपराध हम 10 बार करेंगे। हम इसे वोट के तराजू में नहीं तोल रहे हैं और सियासत के चश्मे से नहीं, इंसानियत के चश्मे से देखते हैं। 

क्या है तीन तलाक

तीन तलाक के अनुसार इस्लाम धर्म में एक मुस्लिम आदमी अपनी बेगम को तीन बार तलाक बोलकर शादी को किसी भी समय तोड़ सकता है। शौहर अपनी पत्नी को यह तलाक फोन, मेल, मैसेज या पत्र के जरिए भी दे सकता है। इसके बाद वह तुरंत तलाक हो जाता है। ट्रिपल तालक, जिसे तालाक-ए-बिद्दात, तत्काल तलाक और तालक-ए-मुघलाजाह के रूप में भी जाना जाता है। भारत से पहले दुनिया के 22 ऐसे देश हैं जहां तीन तलाक पूरी तरह बैन है।

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