क्या कांग्रेस टूट के मुहाने पर खड़ी है, खत लिखने वाले 23 नेता पूरी तरह हैं एकजुट
By शीलेष शर्मा | Published: August 27, 2020 04:06 PM2020-08-27T16:06:54+5:302020-08-27T16:06:54+5:30
कपिल सिब्बल, जितिन प्रसाद सहित 23 नेताओं ने कांग्रेस के संगठन में व्यापक बदलाव, सामूहिक नेतृत्व और पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग को लेकर हाल ही में सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इसको लेकर बड़ा विवाद खड़ा हुआ।
नई दिल्ली:कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सोनिया गाँधी को लिखे पत्र के बाद कांग्रेस टूट के मुहाने पर खड़ी है ,अब राहुल गाँधी को फ़ैसला लेना है कि वह पार्टी के दो फाड़ चाहते हैं या पार्टी में एकजुटता यह बात सोनिया को लिखे पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले कोर ग्रुप के एक सदस्य ने कही। पत्र लिखने वाले नेता का दावा था कि वह 23 नहीं उनके साथ 200 से अधिक नेता जुड़े हुये हैं और सभी एकजुट हैं।
इन नेताओं की एकजुटता उस समय साफ़ हो गयी जब पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई ने जितिन प्रसाद के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग उठाई। मांग उठते ही कपिल सिब्बल जितिन प्रसाद के समर्थन में खुल कर सामने आ गये ,उन्होंने ट्वीट किया " यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश में आधिकारिक रूप से जितिन प्रसाद को निशाना बनाया जा रहा है ,कॉंग्रेस को भाजपा पर निशाना लगा कर सर्जिकल स्ट्राइक करने की ज़रूरत है न कि अपनों को निशाना बनाकर शक्ति को बर्बाद करें। " बात यहीं नहीं रुकी मनीष तिवारी ने सिब्बल के ट्वीट पर तुरंत टिप्पणी की " भविष्य ज्ञानी " , तिवारी की टिप्पणी उनके खुले समर्थन का इशारा मात्र थी।
उल्लेखनीय है कि यह तीनों नेता उन 23 हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में शामिल हैं। हस्ताक्षर करने वाले नेताओं ने साफ़ किया कि यह लड़ाई लंबी चलेगी जब तक उन मुद्दों का समाधान नहीं निकल जाता जो पत्र में उठाये गये हैं ,मसलन संसदीय बोर्ड का गठन ,कार्यसमिति सदस्यों का चुनाव जैसे मुद्दे शामिल हैं। तीखे तेवर अपनाने वाले नेता यह भी चाहते हैं कि ब्लाक और जिला स्तर पर होने वाली नियुक्तियां दिल्ली से न होकर प्रदेश और जिला स्तर पर हों ,जिसके लिये पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों को यह अधिकार दिया जाये।
सोनिया गांधी के नेतृत्व में पूरा विश्वास जताते हुये इन्हीं में से एक नेता ने बताया कि उनकी निगाह राहुल गाँधी पर केंद्रित है कि वह क्या करते हैं ,उनके फैसले तैय करेंगे कि पार्टी में आगे क्या होगा। इधर पार्टी सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही पार्टी में नये महासचिवों की नियुक्ति होने जा रही है। रणदीप सुरजेवाला को महासचिव बनाकर मीडिया का प्रभार किसी युवा नेता को सौंपने के भी संकेत हैं।