'कोरोना संक्रमण के बीच चुनाव कराने को लेकर बिहार की जनता के साथ कोई प्रयोग तो नही कर रहा है आयोग?, कांग्रेस ने उठाए सवाल

By एस पी सिन्हा | Updated: August 11, 2020 18:20 IST2020-08-11T18:20:31+5:302020-08-11T18:20:31+5:30

पिछले 15-20 दिनों में लगभग 46 हजार नए संक्रमित मरीज चिन्हित किये गए हैं और प्रतिदिन 15 से 20 के औसत से लोग मौत के शिकार भी हो रहे हैं. फिर भी चुनाव नियत समय पर होंगे कह कर चुनाव आयोग ने असंवेदनशील और गैर जिम्मेदार रुख अपनाया है.

Is the Commission not doing any experiment with the people of Bihar for holding elections amid Corona transition ?, Congress raises questions | 'कोरोना संक्रमण के बीच चुनाव कराने को लेकर बिहार की जनता के साथ कोई प्रयोग तो नही कर रहा है आयोग?, कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग के रुख पर ऐतराज जताया है.

Highlightsसुनील अरोड़ा ने विधानसभा चुनाव समय पर कराने की बात कही है. राजद और लोजपा पहले ही इस मामले पर अपना विरोध दर्ज करा चुकी है.

पटना: मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के इस बयान के बाद बिहार की सियासत गर्म है, जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव समय पर कराने की बात कही है. राजद और लोजपा पहले ही इस मामले पर अपना विरोध दर्ज करा चुकी है. अब कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग के रुख पर ऐतराज जताया है. कांग्रेस पार्टी के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि इस कोरोना संकटकाल में भी समय पर बिहार में चुनाव होंगे, मुख्य चुनाव आयुक्त का यह एलान काफी निराशाजनक है. उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के बेतहाशा बढते संक्रमण का प्रयोगशाला बिहार को मत बनावें चुनाव आयोग.

उन्होंने कहा कि जब अधिकांश दलों ने अब तक तीन बार आयोग से कहा है की कोरोना को लेकर अभी जो परिस्थिति उत्पन्न हुई है, वह निष्पक्ष और संक्रमण मुक्त चुनाव के लिए बिल्कुल ही उचित नहीं है. ऐसे हालात में चुनाव फर्जी तरीकों से हो सकता है. लेकिन वास्तविक चुनाव के लिए आमलोगों की भागीदारी होना जरूरी है. प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा कि पिछले 3 सप्ताह से संक्रमित मरीजों और मृतकों की संख्या जिस तेजी से बढी है, वह ना सिर्फ चिंताजनक बल्कि सामुदायिक संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो गया है.

पिछले 15-20 दिनों में लगभग 46 हजार नए संक्रमित मरीज चिन्हित किये गए हैं और प्रतिदिन 15 से 20 के औसत से लोग मौत के शिकार भी हो रहे हैं. फिर भी चुनाव नियत समय पर होंगे कह कर चुनाव आयोग ने असंवेदनशील और गैर जिम्मेदार रुख अपनाया है. उन्होंने पूछा कि क्या चुनाव आयोग पे कोई राजनीतिक दवाब है? क्या चुनाव आयोग आम मतदाताओं, राजनीतिक लोगों, चुनावकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों को संक्रमण मुक्त चुनाव की गारंटी देगा? उन्होंने कहा कि इस सबके बावजूद अगर चुनाव आयोग सत्तारूढ भाजपा-जदयू चुनाव कराने पर आमादा हैं तो यह बिहार के लोगों में लिए अत्यंत ही खतरनाक साबित हो सकता है. 

प्रेमचन्द्र मिश्रा ने पूछा कि कहीं चुनाव आयोग कोविड 19 की वजह से उत्पन्न संक्रमण के बीच चुनाव कराने को लेकर बिहार की जनता के साथ कोई प्रयोग तो नही कर रहा है? ऐसे हालात में बिहार को कोरोना का प्रयोगशाला बनाना एक आपराधिक लापरवाही होगी और जान व माल के नुकसान की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी. उन्होंने चुनाव आयोग से सोच समझकर निर्णय लेने को कहा है कि लोकतंत्र में जब लोक ही नही बचेंगे तो तंत्र रहकर क्या करेगा? कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि बिहार में हालात बेहद खराब है और ऐसे में चुनाव आयोग को बिहार को को प्रयोगशाला बनाने से परहेज करना चाहिए.

Web Title: Is the Commission not doing any experiment with the people of Bihar for holding elections amid Corona transition ?, Congress raises questions

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