कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं के अनियमित रूप से बंद होने से 2019 की यादें ताजा हो गईं: तारिगामी
By भाषा | Published: November 6, 2021 07:53 PM2021-11-06T19:53:06+5:302021-11-06T19:53:06+5:30
श्रीनगर, छह नवंबर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन के श्रीनगर के कई हिस्सों और घाटी के अन्य इलाकों में अनियमित रूप से इंटरनेट बंद करने के फैसले ने पांच अगस्त, 2019 की संचार नाकेबंदी की ‘‘दर्दनाक यादें’’ ताजा कर दी हैं।
तारिगामी ने एक बयान में कहा, ‘‘कथित तौर पर, कई क्षेत्रों में अधिकांश दिनों के लिए इंटरनेट का उपयोग बंद रहता है और सेवाएं ज्यादातर रात 10 बजे के बाद फिर से शुरू होती हैं, जब उनकी कम से कम आवश्यकता होती है। इसका उन छात्रों पर बहुत प्रभाव पड़ा है, जो अपनी ऑनलाइन कक्षाएं नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि दिन के समय इंटरनेट बंद रहता है।’’
उन्होंने कहा कि इंटरनेट सेवाओं के अनियमित रूप से बंद होने से व्यवसायियों, डॉक्टरों, मीडियाकर्मियों और अन्य पेशेवरों सहित लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘2019 की संचार नाकेबंदी के कारण भारी आर्थिक नुकसान और बेरोजगारी हुई और कश्मीरी अर्थव्यवस्था को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि हजारों लोगों की आजीविका चली गई। इंटरनेट पर ताजा प्रतिबंध स्थिति को और खराब करेंगे।’’
केन्द्र ने पांच अगस्त, 2019 को तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और उसे केन्द्रशासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
माकपा नेता ने कहा कि कश्मीर में 4जी इंटरनेट पर प्रतिबंध डिजिटल इंडिया पहल के माध्यम से डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके सभी नागरिकों के लिए अवसर पैदा करने के सरकारी दावों के विपरीत है। उन्होंने मांग की कि अब समय आ गया है कि बिना किसी और देरी के पूरे कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी जाएं।
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