ईरानी ने राज्यों से बच्चों में गंभीर कुपोषण से निपटने को कहा
By भाषा | Published: August 31, 2021 08:49 PM2021-08-31T20:49:20+5:302021-08-31T20:49:20+5:30
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को कहा कि सितंबर को 'पोषण माह' के रूप में मनाया जाएगा। मंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बच्चों के बीच 'गंभीर कुपोषण' के मुद्दे को हल करने के लिए इस अवधि में योजना पेश करने का आग्रह किया।गुजरात के नर्मदा जिले के केवडिया में मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए, ईरानी ने प्रत्येक जिले में कम से कम एक ‘वन स्टॉप सेंटर’ स्थापित करने पर भी जोर दिया, जो हिंसा से प्रभावित और संकटग्रस्त महिलाओं को एकीकृत सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास मंत्रियों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए सव़ाल किया, ‘‘कल से, अगले एक महीने पूरे देश में पोषण माह मनाया जाएगा। त्रिपुरा में, आंगनवाड़ी (बाल देखभाल केंद्र) में पोषण वाटिका बनाई गई थी। क्या अन्य राज्यों के लिए अगले 30 दिनों के दौरान आकांक्षी जिलों में स्थित आंगनबाड़ियों में इस तरह के पोषण वाटिका बनाना संभव है?’’ उन्होंने कहा कि देश में लगभग 10 लाख बच्चे गंभीर कुपोषण (एसएएम) से पीड़ित हैं। उन्होंने राज्यों से समस्या से निपटने के तरीकों पर एक सप्ताह के भीतर एक योजना प्रस्तुत करने को कहा।उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने मंत्रालय का प्रभार संभाला था, तो मुझे बताया गया था कि देश में करीब 80 लाख एसएएम बच्चे हैं। जब राज्यों ने पर्याप्त रिपोर्टिंग शुरू की तो संख्या 10 लाख तक आ गई। इससे पता चलता है कि पिछला आंकड़ा अनुमान का परिणाम था, लेकिन अब हमारे पास एक निश्चित संख्या है।’’ईरानी ने कहा, ‘‘आपको ऐसे बच्चों के इलाज के लिए अपने संबंधित राज्यों के स्वास्थ्य विभागों के साथ समन्वय करने की आवश्यकता है। मैं चाहती हूं कि राज्य इस संबंध में अपने लक्ष्य निर्धारित करें। इस पोषण माह के दौरान एसएएम बच्चों के मुद्दे को संबोधित करने के लिए अपनी रणनीति के बारे में मंत्रालय को एक सप्ताह में सूचित करें।’’ केंद्रीय मंत्री ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अगले एक महीने के दौरान सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में विकास निगरानी उपकरण और मोबाइल फोन वितरित किए जाएं।ईरानी ने 'वन स्टॉप सेंटर' के बारे में कहा कि वर्तमान में देश में ऐसी 704 इकाइयां हैं और उनका उद्देश्य जल्द ही और 300 स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि वह प्रत्येक जिले में कम से कम एक ऐसा केंद्र चाहती हैं।
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