पीएम मोदी से भिड़ने वाले पूर्व IPS अफसर संजीव भट्ट के आवास पर गरजा बुलडोजर, चला हथौड़ा
By भाषा | Published: July 31, 2018 09:21 AM2018-07-31T09:21:40+5:302018-07-31T09:21:40+5:30
गुजरात दंगों के लिए तत्कालीन गुजरात सीएम नरेंद्र मोदी को दोषी बताते हैं संजय भट्ट।
अहमदाबाद, 31 जुलाई: नगर निगम के अधिकारियों ने गुजरात के निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के आवास पर बने अवैध निर्माण को गिरा दिया है। नगर निगम ने इस निर्माण के संबध में डाली गयी याचिका को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज करने के कुछ घंटे बाद यह कदम उठाया।
अहमदाबाद नगर निगम (एमसी) के अधिकारियों और श्रमिकों ने अवैध निर्माण को तोड़ने का काम सोमवार दोपहर से शुरू कर दिया था। देर रात तक वह हिस्सा गिरा दिया गया।
भट्ट के बंगले के पीछे रहने वाले प्रवीणचंद्र पटेल ने भट्ट द्वारा किए गए ‘अनाधिकृत निर्माण’ को लेकर 2012 में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था थे। एक न्यायाधीश वाली पीठ द्वारा इमारत के एक हिस्से को 2016 में गैरकानूनी करार देते हुए गिराने के आदेश को भट्ट की पत्नी ने उच्च न्यायालय के खंड पीठ के पास चुनौती दी थी। हालांकि इसके बाद खंड पीठ ने 25 जुलाई को इस याचिका को खारिज कर दिया और नगर निगम के अधिकारियों को इमारत के एक हिस्से को गिराने को कहा।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भट्ट की पत्नी ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी।
गुजरात दंगे के लिए नरेंद्र मोदी को दोषी बताने वाले अधिकारी हैं भट्ट
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कहा था कि वे गांधीनगर स्थित मोदी के आवास पर 27 फरवरी 2002 को मौजूद थे। इस दौरान तत्कालीन गुजरात मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी शीर्ष पुलिस अधिकारियों को एक निर्देश दिया। इस निर्देश में गुजरात सीएम ने कहा कि गोधरा के साबरमती एक्सप्रेस में आग लगने से आक्रोशित हिंदुओं को उनका बदला पूरा करने दें।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनके इस दावे को खारिज करते हुए गुजरात दंगों की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम गठित कर दी थी।