संशोधित नागरिकता कानून को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। सोशल मीडिया में लोग कई तरह के कमेंट कर रहे हैं। देश भर में लोग हिंसा से प्रभावित है।
बॉलीवुड से लेकर भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 1,000 से अधिक शिक्षाविदों ने शनिवार को एक बयान जारी किया। अपने बयान में इन शिक्षाविदों ने, “भुलाए गए अल्पसंख्यकों के साथ खड़े होने और भारत के सभ्यतागत स्वभाव को बरकरार रखने” तथा, “धार्मिक प्रताड़ना के कारण भाग कर आने वालों को शरण देने” के लिए संसद को बधाई दी।
संशोधित नागरिकता कानून पर बवाल जारी है। सोशल मीडिया पर हिन्दू बनाम मुसलमान को लेकर कई मैसेज वायरल हुए हैं। जिसके कारण दोनों धर्म के बीच एक दीवार बन गई है। सभी एक-दूसरे को मारने पर उतारू हो गए। इस बीच 2018 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस (IPS) विजय वर्धन ने फेसबुक सहित सभी सोशल मीडिया छोड़ने का मन बना लिया है।
विजय वर्धन ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर ये जानकारी दी, लिखा...
पूरी सोशल मीडिया हिन्दू-मुस्लिम, हम-तुम, भारत-पाकिस्तान, अपने-गैर, कश्मीर-बंगाल, हिंसा, नफ़रत एवं घृणा इत्यादि से भरा पड़ा है। जब भी खोल के देखता हूं सब और बस सिर्फ नफ़रत और व्हाट्सएप ज्ञान दिखता है। इस "विरोध के फैशन" के दौर में एक छोटा सा विरोध मेरा भी- यही समय है फेसबुक त्यागने का।
जब कोई "सोशल" बचा ही नहीं तो वो केसी मीडिया। एक ही बात कहनी थी, ये सिर्फ वोटों की बंदरबांट है, जो सामाजिक - धार्मिक -व्यक्तिगत फूट डालो राज करो नीति पर आधारित है। पर पता है हम भारतीय नहीं समझेंगे। चलिए आप चालू रखिए यही सब, अपुन चलता है। फिर मिलेंगे जब मन मानेगा। अभी जीवन में कुछ सकारत्मकता और प्रेम चाहिए जो सोशल मीडिया में रत्ती भर भी बची नहीं। अपने असली जीवन में खोजता हूँ शायद वहाँ मिल जाए। जय हिंद। अपना ख्याल रखना भारत ।
हालांकि विजय वर्धन ने अपने पोस्ट में नागरिकता संशोधन कानून के बारे में कुछ नहीं लिखा है।
जानिए कौन हैं विजय वर्धन
विजय वर्धन 35 बार सरकारी नौकरियों की परीक्षा दे चुके हैं और हर बार असफ़ल रहे, लेकिन कोशिश करनी नहीं छोड़ी। इसके बाद साल 2018 में विजय की कोशिश रंग लाई और UPSC की सिविल सर्विस की परीक्षा में 104 रैंक हासिल कर विजय वर्धन ने विजय हासिल की।