लाइव न्यूज़ :

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस: केरल के जंगल में बचाई गई नन्ही मंगला अब 'शिकारी' बनने को तैयार

By भाषा | Updated: July 28, 2021 17:29 IST

Open in App

(लक्ष्मी गोपालकृष्णन)

तिरुवनंतपुरम, 28 जुलाई पिछले साल केरल-तमिलनाडु सीमा पर वन में एक मंदिर के पास अपनी मां द्वारा छोड़े जाने के बाद बेहद कमजोर हालत में मिली एक बाघ शावक को वनकर्मियों ने बचाया। करीब 60 दिन की शावक वनकर्मियों की देखभाल के बाद पूरी तरह स्वस्थ है। वनकर्मियों ने उसे 'मंगला' नाम दिया है। मंगला अब पश्चिमी घाट में स्थित विशाल पेरियार टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में अपने अस्तित्व को बचाए रखने और इसके लिए शिकार कौशल के गुर सीखने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

बृहस्पतिवार (29 जुलाई) को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के दिन पीटीआर के उप निदेशक सुनील बाबू की निगरानी में वन कर्मियों का एक समूह इस आरक्षित वन में मादा बाघ शावक को 'पुन: जंगली बनाने' की प्रक्रिया शुरू करेगा। आंकड़ों के मुताबिक, पीटीआर में फिलहाल 42 बाघ हैं।

बाबू ने कहा कि लगभग नौ महीने की हो चुकी मंगला को इस दौरान वन अधिकारियों की चौकस निगरानी में पाला गया। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के प्रोटोकॉल के अनुसार शावक को उसके मूल जंगली स्वभाव में वापस भेजने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, "पुन: जंगली बनाने की प्रक्रिया (री-वाइल्डिंग) जानवरों को प्राकृतिक तौर पर जंगल से परिचित कराने की एक प्रक्रिया है। हमारे अवलोकन में प्रक्रिया के तहत इसे शिकार करने और जीवित रहने के अन्य कौशल सीखाए जाएंगे।"

एनटीसीए प्रोटोकॉल के अनुसार, बाघ के शावक को कम से कम दो साल के लिए एक स्वस्थानी (मूल वातावरण वाले) बाड़े में पाला जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, "आम तौर पर, जानवर को दो साल के पुन: जंगलीकरण प्रक्रिया के बाद मूल जंगल में छोड़ दिया जाता है। यहां, हम जानवर के स्वभाव और स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए इसे छोड़ने के बारे में फैसला करेंगे।"

अधिकारी ने बताया कि हालांकि शावक के अंग कमजोर पड़ गए थे, जिसके कारण उसकी हालत बहुत नाजुक हो गई थी, लेकिन जानवर अब पूरी तरह से स्वस्थ है।

री-वाइल्डिंग प्रक्रिया के तहत शावक को एक बाड़े में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जो पीटीआर के अंदर लगभग आधा हेक्टेयर वन भूमि में फैला हुआ है।

शावक के शिकार करने और जीवित रहने के कौशल सीखने के अनुसार बाद में बाड़े को चौड़ा कर दिया जाएगा।

शावक की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बाड़े को पूरी तरह से बंद किया जाएगा और इसे दिन-रात वन कर्मियों की कड़ी निगरानी में रखा जाएगा।

वन अधिकारी ने कहा, ‘‘इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य उस जानवर के जंगली स्वभाव को फिर से वापस लाना और इसे मूल जंगल में रहने के लिए आत्मनिर्भर बनाना है, जिसे कुछ समय के लिए कैद में रखा गया था।"

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में पेरियार टाइगर रिजर्व में इस शावक को उसकी मां ने शायद छोड़ दिया था, लेकिन अधिकारियों ने वन में स्थित मंगला देवी मंदिर के पास दुबकी हुई बाघिन को देखा, जिसके लगभग एक सप्ताह बाद इसे 21 नवंबर को बचाया गया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटHaryana vs Jharkhand, Final: 18 दिसंबर को झारखंड-हरियाणा में फाइनल मुकाबला, मप्र, राजस्थान, मुंबई, आंध्र, हैदराबाद और पंजाब बाहर

क्रिकेटIPL Auction 2026: सभी 10 टीमों के सोल्ड, अनसोल्ड और रिटेन किए गए खिलाड़ियों की पूरी लिस्ट देखें

भारतदिल्ली में 17 दिसंबर को ‘लोकमत पार्लियामेंटरी अवॉर्ड’ का भव्य समारोह

क्रिकेटIPL 2026 Auction: मुंबई के सरफराज खान को CSK ₹75 लाख की बेस प्राइस पर खरीदा, पृथ्वी शॉ अनसोल्ड रहे

क्रिकेटIPL Auction: सबसे महंगे अनकैप्‍ड प्‍लेयर Prashant Veer, 14.20 करोड़ में चेन्‍नई सुपर किंग्‍स ने खरीदा

भारत अधिक खबरें

भारतछत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प: 34 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण पर बोले सीएम साय

भारतकौन हैं ऋतुराज सिन्हा?, नितिन नबीन की जगह दी जाएगी बड़ी जिम्मेदारी

भारतहैदराबाद का रहने वाला था बोंडी बीच शूटर साजिद अकरम, उसका बेटा ऑस्ट्रेलियाई नागरिक, तेलंगाना पुलिस ने की पुष्टि

भारतभाजपा को मां के समान मानते?, बिहार प्रमुख संजय सरावगी बोले-आगे बढ़ाने की दिशा में ईमानदारी से काम करेंगे

भारतहरियाणा सरकारः 23वां जिला हांसी, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की घोषणा