कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ रही आंतरिक कलह, सोनिया ने भूपेंद्र हुडा को तलब कर कहा- चुनाव पर ध्यान लगाओ, बाकी काम आलाकमान पर छोड़ दो

By शीलेष शर्मा | Published: August 29, 2019 08:32 PM2019-08-29T20:32:50+5:302019-08-29T20:32:50+5:30

भूपेंद्र सिंह हुड्डा पिछले दिनों पार्टी लाइन से हटकर रैली में बोलते नजर आए थे। सोनिया गांधी ने बुलाकर चेतावनी दी है। आतंरिक कलह के कारण कांग्रेस हरियाणा में चुनावी तैयारियां तक शुरू नहीं कर पाई है।

Internal discord is not leaving the Congress, Sonia Gandhi warns Bhupinder Singh Hooda | कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ रही आंतरिक कलह, सोनिया ने भूपेंद्र हुडा को तलब कर कहा- चुनाव पर ध्यान लगाओ, बाकी काम आलाकमान पर छोड़ दो

हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा। (फाइल फोटो)

भीतरघात से लगातार जूझ रही कांग्रेस भले ही हाशिये पर आ गई हो लेकिन आतंरिक कलह पर अंकुश लगने का नाम नहीं ले रहा है. सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद आतंरिक कलह पर अंकुश लगाने की कोशिश हालांकि तेज हो  गई लेकिन अभी तक कोई बड़ी  सफलता नहीं मिल सकी है.

इसी सिलसिले में सोनिया गांधी ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दस जनपथ पर तलब किया और उन्हें साफ हिदायत दी कि वे अपना पूरा ध्यान केवल चुनाव पर केंद्रित करें बाकी फैसले आलाकमान पर छोड़ दे. 

गौरतलब है कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने है और भाजपा पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुकी है. जबकि कांग्रेस आतंरिक कलह के कारण प्रत्याशियों का चयन तो दूर चुनाव की तैयारियों का आगाज भी नहीं कर पाई है.

गौरतलब है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को हटाने की मांग पर अड़े  हैं. लेकिन पहले राहुल गांधी और अब सोनिया गांधी हुड्डा की इस मांग के सामने झुकने को तैयार नहीं है. हुड्डा ने 18 अगस्त को रोहतक में बड़ी रैली कर जहां अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया, वहीं, नेतृत्व को यह दिखाने की कोशिश की कि उनके बिना राज्य में कांग्रेस की जीत नामुमकिन है.

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सोनिया और हुड्डा की मुलाकात के दौरान राज्य के प्रभारी गुलाम नबी आजाद भी मौजूद थे.

सूत्र बताते है कि सोनिया ने हुड्डा की इस मांग को तो खारिज कर दिया कि प्रदेश अध्यक्ष का पद उनकी मर्जी से तय किया जाए लेकिन उन्हें भरोसा दिया कि यदि कांग्रेस राज्य में सत्ता में आती है तो मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम सबसे ऊपर होगा.

हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में हुड्डा के अलावा कुमारी शैलजा के अलावा दूसरे नेता शामिल हैं.

हरियाणा के साथ-साथ कर्नाटक में भी आतंरिक कलह पनप रही है. पार्टी के दो वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारैम्या के बीच नेता विपक्षी दल तथा प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर संघर्ष जारी है. सिद्धारैम्या नहीं चाहते  कि डीके शिवकुमार को कोई महत्वपूर्ण पद सौंपा जाए जिससे भविष्य में वे मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सके. नतीजा सिद्धारैम्या एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रहे है कि डीके शिवकुमार अपने मिशन में कामयाब ना हो सके.

दूसरी ओर डीके शिवकुमार ने सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है ताकि वे आलाकमान के सामने स्थिति साफ कर सके.

गौरतलब है कि डीके शिवकुमार वोकालिग्गा समुदाय से आते हैं जबकि सिद्धारैम्या पिछड़े वर्ग से हैं. कांग्रेस की पूरी निगाह वोकालिग्गा समुदाय पर लगी है ताकि आने वाले उप चुनाव में कांग्रेस अपनी संख्या बढ़ा सके.

राजधानी दिल्ली में भी पार्टी की आतंरिक कलह जमकर रंग दिखा रही है इसी सप्ताह दिल्ली के नेताओं ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर नये अध्यक्ष के लिए नाम तय करने का आग्रह किया था क्योंकि शीला दीक्षित के चले  जाने के बाद यह पद खाली पड़ा है.

दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको जिनके शीला दीक्षित से भारी मतभेद थे, पार्टी की आतंरिक कलह से परेशान हो कर केरल की राजनीति में लौटना चाहते हैं, उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दिल्ली प्रभारी के पद से मुक्त करने का आग्रह किया है. हालांकि कांग्रेस पर इस पर कोई निर्णय नहीं किया  है लेकिन सूत्रों का दावा था कि अगले एक सप्ताह में दिल्ली को नया अध्यक्ष और नया प्रभारी मिलेगा क्योंकि दिल्ली में भी जल्दी विधानसभा के चुनाव होने हैं और कांग्रेस की साख दांव पर लगी है.

Web Title: Internal discord is not leaving the Congress, Sonia Gandhi warns Bhupinder Singh Hooda

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