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रांची में चक्रवात ‘यास’ के दौरान भारी बारिश के चलते पुल ढहने के मामले में जांच के आदेश

By भाषा | Updated: May 28, 2021 23:03 IST

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रांची, 28 मई झारखंड की राजधानी रांची के तमाड़ इलाके में चक्रवाती तूफान ‘यास’ के चलते तीन दिनों तक हुई भारी बारिश के कारण आठ करोड़ रुपये की लागत से नव निर्मित एक पुल के ढह जाने के मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को दिये।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने रांची के तमाड़ इलाके से बुंडू, सिल्ली एवं सोनाहातू इलाकों को जोड़ने वाले कांची नदी पर बने इस पुल के ढह जाने की घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार में किसी को भी जनता के पैसे की लूट की इजाजत नहीं है।’’

ज्ञातव्य है कि यास तूफान के प्रभाव में रांची और आसपास के इलाकों में पिछले 48 घंटों से हुई लगातार बारिश के चलते आसपास की पठारी नदियां उफान पर हैं और उन्हीं में से एक कांची नदी पर बने इस पुल का नदी के बीच का एक खंभा धंस गया जिससे उक्त पुल के बीचोंबीच के दो स्लैब नदी में गिर गये।

तेज बारिश के कारण उस समय पुल पर आवागमन नहीं के बराबर था जिससे कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई।

‘यास’ चक्रवात के चलते झारखंड में बृहस्पतिवार को एक मकान के ढह जाने से दो लोगों की दबकर मौत हो गयी थी जबकि राज्य के कई इलाकों में संपत्ति का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पुल के गिरने की घटना की जांच के लिए मुख्य अभियंता समेत वरिष्ठ अधिकारी पहले ही मौके पर पहुंच चुके हैं और वे यह भी अध्ययन कर रहे हैं कि आसपास के इलाके के लोगों को कैसे इस संकट से उबारा जाये, अन्यथा उन्हें रांची आने के लिए बहुत लंबा रास्ता अपनाना होगा।

इस दौरान झारखंड में ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक का तबादला कर उनके स्थान पर इस विभाग का दायित्व 2002 बैच के आइएएस अधिकारी मनीष रंजन को दिया गया है। पटनायक को वाणिज्य कर विभाग का दायित्व सौंपा गया है।

झारखंड में आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि राज्य में यास के प्रभाव से पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, पश्चिमी सिंहभूम एवं आसपास के क्षेत्र में बुधवार रात से प्रारंभ होकर आज सुबह तक तेज हवाएं चलीं लेकिन हवाओं की गति विभाग के अधिकारियों ने अधिकतम 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की दर्ज की जिसके चलते राज्य में अधिक नुकसान होने से बच गया।

ज्ञातव्य है कि मौसम विभाग ने तूफान के चलते झारखंड के कुछ इलाकों में हवा की गति नब्बे किलोमीटर प्रति घंटे तक होने का अनुमान लगाया था जिससे राज्य प्रशासन अधिक सतर्क था।

कौशल ने बताया कि राज्य के अनेक इलाकों में पिछले तीन दिनों से जारी तेज बारिश के चलते अनेक पहाड़ी नदियों में जलस्तर बढ़ गया जिसके कारण कई स्थानों पर पुल भी बह गये। इनमें से रांची को तमाड़ से जोड़ने वाला पुल भी शामिल है।

उन्होंने बताया कि तूफान के चलते राज्य में विभिन्न जिलों में लगभग 20 से 25 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

उन्होंने बताया कि अब इस चक्रवाती तूफान का प्रभाव राज्य के अधिकतर भागों में समाप्तप्राय है और सिर्फ उत्तरी जिलों पाकुड़, साहिबगंज, देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा और जामताड़ा में आज चक्रवात के शेष प्रभाव की वजह से तेज वर्षा हुई।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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