इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने एक पुरस्कार समारोह में टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। नारायणमूर्ति के इस काम को देखकर सोशल मीडिया पर लोगों के जज्बात छलक रहे हैं। खुद रतन टाटा भी इसे लेकर भावुक हुए और अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर उन्होंने इसका जिक्र किया। रतन टाटा उम्र में नारायणमूर्ति से बड़े हैं। रतन टाटा की उम्र 82 वर्ष है तो नारायणमूर्ति 73 वर्ष के हैं। दो महान हस्तियों के इस बर्ताव पर लोग तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं।
बता दें कि मंगलवार को मुंबई में रतन टाटा को टिकॉन अवार्ड समारोह में जीवन पर्यन्त उपलब्धि पुरस्कार से नवाजा गया। नारायणमूर्ति ने उन्हें सम्मान देकर उनके पैर छू लिए।
ट्विटर पर एक यूजर मोहम्मद वजीहुल्ला ने लिखा, ''अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में सादगी, दर्जा और विनम्रता। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति रतन टाटा के पैर छूते हैं और बताते हैं कि संस्कृति और मूल्य कुछ ऐसे हैं जिन्हें हम भारतीय कभी नहीं भूलते भले ही हम बूढ़े हो जाएं। वास्तव में ऐतिहासिक।''
गजेंद्र शर्मा नाम के यूजर ने लिखा, ''विनम्रता भक्ति का सबसे ऊंचा रूप है। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने रतन टाटा के पैर छूते हुए दिखाया कि स्थिति की तुलना में सम्मान अधिक महत्वपूर्ण है..।''
बता दें कि सम्मान समारोह के मौके पर रतन टाटा ने स्टार्टअप कंपनियों को चेताते हुए कहा कि निवेशक के पैसों को धुएं में उड़ाने वाले स्टार्टअप को दूसरा या तीसरा मौका नहीं मिलेगा। टाटा ने स्वयं भी कई स्टार्टअप कंपनियों में निवेश किया है। उन्होंने कहा कि पुराने व्यवसायों में कमी आएगी जबकि युवा संस्थापकों की नवोन्मेषी कंपनियां भारतीय उद्योग जगत का भविष्य तय करेगी।
टाटा का यह बयान ऐसे समय आया है जब कई स्टार्टअप कंपनियों पर निवेशकों का ‘बर्बाद’ करने का आरोप लग रहा है।
निवेशकों ने बेहतर भविष्य की आशा में इन कंपनियों में पैसा लगाया है जबकि यह कंपनियां लगातार घाटे में चल रही हैं।
आरोप है कि ई-वाणिज्य कंपनी फ्लिपकार्ट जब अपने शीर्ष पर थी तो वह हर माह 15 करोड़ डॉलर फूंक रही थी। टाटा ने कहा, ‘‘हमारे सामने एसी स्टार्टअप कंपनियां भी हो सकतीं हैं जो हमारा ध्यान खीचेंगी, पैसा जुटायेंगी और गायब हो जाएंगी। लेकिन ऐसी कंपनियों को दूसरा और तीसरा मौका नहीं मिलेगा।’’
(एजेंसी इनपुट के साथ)