कांग्रेस आलाकमान और पंजाब की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह में एक बार फिर से आपसी मतभेद उजागर हो रहे हैं। इस बार मोहरे नवजोत सिंह सिद्धू बने हैं। हाल ही में पंजाब की कैबिनेट में शामिल मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन को अपना नेता मानने से इंकार दिया।
इसके बाद से यह विवाद तेज हो गया है। सोमवार को लुधियाना में कई जगहों पर ऐसे पोस्टर दिखाई दिए जिनमें "पंजाब का कैप्टन, साडा कैप्टन" यानी पंजाब का कैप्टन हमारा कैप्टन के पोस्टर लगे दिखाई दिए।
इससे आपसी मतभेद खुलकर उभर आया। असल में बीते कुछ दिनों से नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह में मतभेद की स्थिति है। कैप्टन अमरिंदर के मना करने के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू ने दो-दो बार पाकिस्तान की यात्राएं कीं।
इसके बाद एक चुनावी बैठक में जब सिद्धू से कैप्टन की नाराजगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उन्होंने जवाब में कहा- कौन कैप्टन। उन्होंने इस तरह से कैप्टन अमरिंदर सिंह को नकार दिया जैसे वे जानते ही नहीं हो।
इतना ही नहीं उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा कि हमारे कैप्टन तो राहुल गांधी हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह तो आर्मी में कैप्टन थे। ऐसे में ऐसी खबरें जोड़ पकड़ रही हैं कि सिद्धू राहुल गांधी के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं। इसी मसले को लेकर पंजाब में पोस्टर लगने लगे हैं।
उल्लखनीय है कि बीजेपी पहले से यह आरोप लगाती रही है कि पंजाब में अमरिंदर सिंह अपनी कांग्रेस चलाते हैं। पीएम मोदी ने खुद ही कई बार मंचों से यह कहा कि ये दोनों एक दूसरे को अपना नहीं मानते।
हालांकि मसले पर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वे मसले को कैप्टन से मिलकर सुलझा लेंगे। फिलहाल वे चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। लेकिन वे कैप्टन से मिलकर मसले को सुलझा लेंगे।