इंदौरः मध्य प्रदेश के इंदौर में सब्जी बेचने वाले अशोक नागर की बेटी अंकिता नागर ने सिविल जज की परीक्षा पास की है। अंकिता ने बताया, "शुरुआत में मुसीबतें आई थी लेकिन लॉकडाउन के दौरान मुझे पढ़ने के लिए काफी समय मिला जिस कारण मुझे यह सफलता मिली। मुझे SC में 5वां रैंक मिला है।"
अंकिता के पिता अशोक नागर ने कहा कि मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। मेरे पूरे परिवार ने संघर्ष का सामना किया। हम आर्थिक संकट से भी गुजरे क्योंकि सब्जी में ज्यादा कमाई नहीं है फिर भी हमने थोड़ा-थोड़ा पैसा बचाकर बच्चों को पढ़ाया। मैं तो यही कहूंगा कि बेटे और बेटी में फर्क नहीं करना चाहिए।
संघर्ष की आंच में तपी इस महिला का कहना है कि न्यायाधीश भर्ती परीक्षा में तीन बार नाकाम होने के बाद भी उसकी निगाहें लक्ष्य पर टिकी रहीं। अंकिता नागर (29) ने बृहस्पतिवार को बताया,‘‘मैंने अपने चौथे प्रयास में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो भर्ती परीक्षा में सफलता हासिल की है। अपनी खुशी को बयान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।’’
उन्होंने बताया कि उनके पिता अशोक नागर शहर के मूसाखेड़ी इलाके में सब्जी बेचते हैं और न्यायाधीश भर्ती परीक्षा की तैयारी के दौरान समय मिलने पर वह इस काम में उनका हाथ बंटाती रही हैं। एलएलएम की स्नातकोत्तर शिक्षा हासिल करने वाली नागर ने बताया कि वह बचपन से कानून की पढ़ाई करना चाहती थीं और उन्होंने एलएलबी के अध्ययन के दौरान तय कर लिया था कि उन्हें न्यायाधीश बनना है।
आत्मविश्वास से परिपूर्ण 29 वर्षीय महिला ने कहा, ‘‘न्यायाधीश भर्ती परीक्षा में तीन बार असफल होने के बाद भी मैंने हिम्मत नहीं हारी और मैं अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए तैयारी में जुटी रही। इस संघर्ष के दौरान मेरे लिए रास्ते खुलते गए और मैं इन पर चलती गई।’’
नागर ने कहा कि व्यवहार न्यायाधीश के रूप में काम शुरू करने के बाद उनका ध्यान इस बात पर केंद्रित रहेगा कि उनकी अदालत में आने वाले हर व्यक्ति को इंसाफ मिले। न्यायाधीश भर्ती परीक्षा में अपनी संतान की सफलता से गदगद सब्जी विक्रेता अशोक नागर ने कहा कि उनकी बेटी एक मिसाल है क्योंकि उसने जीवन में कड़े संघर्ष के बावजूद हिम्मत नहीं हारी।
(इनपुट एजेंसी)