Indore Family Court: पहले बैंक खाते और आय का ब्योरा दो, तब मिलेगा 50000 रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता!, 28 वर्षीय महिला को झटका

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 23, 2024 05:59 IST2024-08-23T05:58:47+5:302024-08-23T05:59:55+5:30

Indore Family Court: प्रार्थी (महिला) आमदनी तो अर्जित कर रही है, लेकिन वह कितनी आमदनी अर्जित कर रही है, उसने इसका खुलासा नहीं किया है।

Indore Family Court First you give details bank account and income, otherwise you will not get maintenance allowance of Rs 50000 per month! shock 28 year old woman | Indore Family Court: पहले बैंक खाते और आय का ब्योरा दो, तब मिलेगा 50000 रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता!, 28 वर्षीय महिला को झटका

Indore Family Court: पहले बैंक खाते और आय का ब्योरा दो, तब मिलेगा 50000 रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता!, 28 वर्षीय महिला को झटका

HighlightsIndore Family Court: पारिवारिक विवाद के चलते दम्पति 2021 से एक-दूसरे से अलग रह रहे हैं। Indore Family Court: उच्चतम न्यायालय के एक फैसले की रोशनी में यह दावा खारिज कर दिया।Indore Family Court: बैंकिंग लेन-देन से जुड़े किसी खाते का उल्लेख नहीं किया।

Indore Family Court:इंदौर के कुटुम्ब न्यायालय ने 28 वर्षीय महिला द्वारा अपने पति से गुजारा भत्ता हासिल करने का दावा इस आधार पर खारिज कर दिया है कि उसने अपने बैंक खाते और आय का स्पष्ट ब्योरा अदालत में पेश नहीं किया। बी. कॉम. की उपाधि प्राप्त महिला ने ट्रैवल एजेंट पति से अपने और दम्पति की तीन वर्षीय बेटी के भरण-पोषण के लिए 50,000 रुपये प्रति माह की रकम की मांग के साथ अदालत में दावा दायर किया था। कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एन पी सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उच्चतम न्यायालय के एक फैसले की रोशनी में यह दावा खारिज कर दिया।

अदालत ने प्रकरण के तथ्यों पर गौर के बाद अपने आदेश में कहा कि चूंकि महिला ने अपने हलफनामे में उसके बैंकिंग लेन-देन से जुड़े किसी खाते का उल्लेख नहीं किया है, इसलिए लगता है कि वह कोई न कोई काम करके आमदनी हासिल कर रही है। कुटुम्ब न्यायालय ने कहा, ‘’प्रार्थी (महिला) आमदनी तो अर्जित कर रही है, लेकिन वह कितनी आमदनी अर्जित कर रही है, उसने इसका खुलासा नहीं किया है।

इसलिए यह निर्धारण किया जाना संभव नहीं है कि दम्पति की नाबालिग संतान की परवरिश के लिए वह और प्रतिप्रार्थी (महिला का पति) कितनी राशि वहन करेंगे।’’ अदालत ने कहा कि महिला अपनी नाबालिग संतान के भरण-पोषण के लिए भी पति से कोई राशि पाने की हकदार नहीं है क्योंकि उसके द्वारा अपने बैंक खाते और आय का स्पष्ट खुलासा नहीं किया गया है। महिला के पति के वकील जे एस ठाकुर ने बताया कि इस दम्पति का विवाह 2019 में हुआ था और पारिवारिक विवाद के चलते दम्पति 2021 से एक-दूसरे से अलग रह रहे हैं। 

Web Title: Indore Family Court First you give details bank account and income, otherwise you will not get maintenance allowance of Rs 50000 per month! shock 28 year old woman

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