नई दिल्लीः भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक एस एस देसवाल ने लद्दाख में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में बहादुरी का प्रदर्शन करने करने वाले 291 जवानों पुरस्कृत किया।
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। देसवाल ने 23 से 28 अगस्त तक सीमा का दौरा किया और बल की कई चौकियों पर गए। इस दौरान उन्होंने “विपरीत परिस्थितियों में साहस का प्रदर्शन करने के लिए” जवानों की प्रशंसा की। अधिकारियों ने बताया कि महानिदेशक ने जवानों का उत्साहवर्धन किया और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
देसवाल ने आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीमा का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने सेना के वरिष्ठ कमांडरों से भी मुलाकात की। आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय ने कहा, “आईटीबीपी के महानिदेशक ने हाल ही में लद्दाख फ्रंट का दौरा किया। उन्होंने 291 जवानों को वीरता के लिए पुरस्कृत किया जिनमें तीन उप महानिरीक्षक शामिल हैं।
जवानों को डीजी प्रशस्ति पत्र और डिस्क देकर सम्मानित किया गया। पूर्वी लद्दाख में मई और जून के महीनों में सीमा क्षेत्र में गतिरोध और झड़प के दौरान साहस का प्रदर्शन करने के लिए जवानों को सम्मानित किया गया।” प्रवक्ता ने कहा, “महानिदेशक ने सीमा पर कई चौकियों का दौरा किया और उनमें से कुछ में रात बिताई।”
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देसवाल ने 17,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित आईटीबीपी की कुछ चौकियों का भी दौरा किया। आईटीबीपी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से क्षेत्र में तैनात 21 जवानों को वीरता पदक देने की भी अनुशंसा की है।
पूर्वी लद्दाख में भारतीय, चीनी सेनाओं के फील्ड कमांडरों ने बातचीत की
पैंगोंग झील के दक्षिणी तटीय क्षेत्र में यथास्थिति बदलने की चीन की नये सिरे से की गयी असफल कोशिशों से उपजे तनाव को कम करने के तरीके खोजने के लिए भारत और चीन ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में ब्रिगेड कमांडर स्तर की एक और दौर की वार्ता की। सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि चुशूल में एक सीमा चौकी पर पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर दो बजे के बीच बातचीत हुई।
बातचीत में क्या निकला, इस पर तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है। इस सप्ताह की शुरुआत में दोनों सेनाओं के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत के तीन दौर अनिर्णायक रहे। दोनों पक्षों ने ताजा टकराव के बाद पिछले कुछ दिन में चुशूल तथा अन्य कई क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती काफी बढ़ा दी है।
पैंगोंग झील इलाके में उस वक्त तनाव बढ़ गया था जब चीन ने पांच दिन पहले झील के दक्षिणी तट में कुछ इलाकों पर कब्जा करने का असफल प्रयास किया। भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिण तट के सामरिक महत्व वाले अनेक ऊंचे क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में ले लिया है तथा भविष्य में चीन की किसी भी गतिविधि को नाकाम करने के लिए फिंगर 2 और फिंगर 3 क्षेत्रों में मौजूदगी को बढ़ाया है। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बृहस्पतिवार, शुक्रवार को लद्दाख का दो दिवसीय दौरा किया जिसमें उन्होंने क्षेत्र में भारत की सुरक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा की।