पूर्वी लद्दाख गतिरोध: पांच मई से विवाद, चीन-भारत के 250 सैनिकों में हिंसा, CHINA ने सीमा पर कमांडर बदले, हॉट स्प्रिंग इलाके में ‘पीछे हटी’

By भाषा | Published: June 10, 2020 09:08 PM2020-06-10T21:08:32+5:302020-06-10T21:08:32+5:30

आखिरकार भारत और चीन के सैनिक अपने कदम पीछे खीच लिए। 5 मई से जारी विवाद कुछ कम हुआ। आज मेजर जनरल स्तर की बात हुई। दोनों देश ने ढाई घंटों तक बातचीत की।

Indo-China border East Ladakh dispute May 5 violence among 250 Sino-Indian soldiers CHINA turns commander border | पूर्वी लद्दाख गतिरोध: पांच मई से विवाद, चीन-भारत के 250 सैनिकों में हिंसा, CHINA ने सीमा पर कमांडर बदले, हॉट स्प्रिंग इलाके में ‘पीछे हटी’

चीनी पक्ष दोनों इलाकों में डेढ़ किलोमीटर तक पीछे चला गया है। (photo-ani)

Highlightsभारतीय प्रतिनिधिमंडल ने यथास्थिति बहाल करने और गतिरोध वाले सभी स्थानों पर काफी संख्या में जमे चीनी सैनिकों को तुरंत हटाए जाने पर जोर दिया। मेजर जनरल स्तर की वार्ता ‘‘सकारात्मक माहौल’’ में हुई जिसका उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच तनाव में कमी लाना है। पैंगोंग सो में पांच मई को हिंसक संघर्ष के बाद भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं।

नई दिल्लीःपैंगोंग सो और पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में जारी सैन्य गतिरोध को दूर करने के उद्देश्य से भारत और चीन की सेनाओं के बीच बुधवार को मेजर जनरल स्तर की वार्ता हुई।

इस बात से अवगत लोगों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साढ़े चार घंटे से ज्यादा चली वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने यथास्थिति बहाल करने और गतिरोध वाले सभी स्थानों पर काफी संख्या में जमे चीनी सैनिकों को तुरंत हटाए जाने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि मेजर जनरल स्तर की वार्ता ‘‘सकारात्मक माहौल’’ में हुई जिसका उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच तनाव में कमी लाना है। गतिरोध को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने के लिए दोनों सेनाओं ने गलवान घाटी ओर हॉट स्प्रिंग के कुछ इलाकों में सीमित संख्या में अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया जिसके एक दिन बाद यह वार्ता हुई है। बहरहाल, दोनों पक्ष पैंगोंग सो, दौलत बेग ओल्डी और डेमचोक जैसे कुछ इलाकों में अब भी आमने-सामने हैं। सैन्य सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि दोनों सेनाएं गलवान घाटी के गश्ती प्वाइंट 14 और 15 तथा हॉट स्प्रिंग इलाके में ‘‘पीछे हटी’’ हैं।

उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष दोनों इलाकों में डेढ़ किलोमीटर तक पीछे चला गया है। पैंगोंग सो में पांच मई को हिंसक संघर्ष के बाद भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। गतिरोध को समाप्त करने के लिए पहले गंभीर प्रयास के तहत लेह स्थित 14 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बत सैन्य जिले डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन के बीच छह जून को विस्तृत बातचीत हुई थी। चीन ने बुधवार को कहा कि छह जून को दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच बनी ‘‘सकारात्मक सहमति’’ को भारत और चीन ने लागू करना शुरू कर दिया है।

दोनों पक्ष सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं

दोनों पक्षों की सेना के पीछे हटने और अपने पूर्ववर्ती स्थिति में लौटने की खबर के बारे में पूछने पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बीजिंग में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों पक्ष सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सीमा पर स्थिति के बारे में हाल में भारत और चीन के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर प्रभावी वार्ता हुई और सकारात्मक सहमति बनी।’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘दोनों पक्ष सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के लिए इस सहमति के आधार पर कदम उठा रहे हैं।’’ शनिवार को सैन्य स्तर पर वार्ता होने से एक दिन पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर पर वार्ता हुई थी जिस दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की संवेदनशीलता और चिंताओं का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण चर्चा के माध्यम से ‘‘मतभेदों’’ को दूर करने का प्रयास करने पर सहमति बनी थी।

मौजूदा गतिरोध के शुरू होने की वजह पैंगोंग सो झील के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा एक महत्वपूर्ण सड़क निर्माण का चीन का तीखा विरोध है। इसके अलावा गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग को जोड़ने वाली एक और सड़क के निर्माण पर चीन के विरोध को लेकर भी गतिरोध है। पैंगोंग सो में फिंगर क्षेत्र में सड़क को भारतीय जवानों के गश्त करने के लिहाज से अहम माना जाता है। भारत ने पहले ही तय कर लिया है कि चीनी विरोध की वजह से वह पूर्वी लद्दाख में अपनी किसी सीमावर्ती आधारभूत परियोजना को नहीं रोकेगा। दोनों देशों के सैनिक गत पांच और छह मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो क्षेत्र में आपस में भिड़ गए थे।

पांच मई की शाम को चीन और भारत के 250 सैनिकों के बीच हुई यह हिंसा अगले दिन भी जारी रही

पांच मई की शाम को चीन और भारत के 250 सैनिकों के बीच हुई यह हिंसा अगले दिन भी जारी रही। इसके बाद नौ मई को उत्तर सिक्किम सेक्टर में भी इस तरह की घटना हुई थी। भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी को लेकर है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है, वहीं भारत का इस पर अपना दावा है। दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा मसले का अंतिम समाधान जब तक नहीं निकलता, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाये रखना जरूरी है।

चीन के शहर वुहान में 2018 में ऐतिहासिक अनौपचारिक शिखर-वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने द्विपक्षीय संबंधों के विकास के हित में भारत-चीन सीमा के सभी क्षेत्रों में अमन-चैन बनाये रखने के महत्व पर जोर दिया था। यह शिखर-वार्ता डोकलाम में दोनों सेनाओं के बीच 73 दिन तक चले गतिरोध के बाद हुई थी। इस गतिरोध ने दोनों एशियाई महाशक्तियों के बीच युद्ध की आशंकाओं को पैदा कर दिया था। छह जून को हुई वार्ता में दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि एलएसी पर शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए वुहान शिखर सम्मेलन में मोदी और शी द्वारा लिए गए निर्णयों का पालन किया जाएगा।

चीन ने भारत-चीन सीमा पर सैनिकों का नेतृत्व करने के लिए की नए कमांडर की नियुक्ति

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चुनौती भरी सीमाओं पर तैनात जवानों का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी विशेष रूप से सेना के नए कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल शू किलिंग को सौंपी है। वह भारत चीन सीमा के लिए जिम्मेदार वेस्टर्न थियेटर कमान की अगुवाई करेंगे। एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। जनरल शू की नियुक्ति की घोषणा भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी गतिरोध के बीच ही पांच जून को हुई थी।

हांगकांग आधारित साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक, जनरल शू को वेस्टर्न थियेटर कमान के बलों का जायजा लेने के लिए भेजा गया है, जहां भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर गतिरोध जारी है। पोस्ट ने सेना के सूत्रों के हवाले से कहा, '' जिस तरह भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर तनाव बढ़ रहा है, वैसे में इस संवेदनशील वक्त में वेस्टर्न कमांड के सैनिकों और अफसरों का नेतृत्व करने के लिए एक युवा कमांडर की जरूरत है। शू 57 वर्ष के हैं और आयु में पिछले कमांडर से पांच वर्ष कम हैं।''

खबरों के मुताबिक, इससे पहले किलिंग ईस्टर्न थियेटर कमांड में सेवा दे चुके हैं। चीन ने सीमा पर गतिरोध समाप्त करने के मकसद से गत शनिवार को वरिष्ठ भारतीय और चीनी सैन्य अधिकारियों के बीच होने वाली प्रमुख वार्ता से पहले यह कदम उठाया था। पीएलए की वेस्टर्न थियेटर कमांड भारत के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी रखती है।

चीन, भारत सीमा पर हालात ‘सामान्य’ बनाने के लिए उठा रहे कदम : चीनी अधिकारी

चीन ने बुधवार को कहा कि सीमा पर हालात सामान्य बनाने के मकसद से छह जून को दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच हुई ‘सकारात्मक बातचीत’ के आधार पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। चीन के विदेश मंत्रालय की एक प्रवक्ता इस बारे में बताया है। एक दिन पहले नयी दिल्ली में अधिकारियों ने कहा कि बुधवार को सैन्य वार्ता के दूसरे दौर के पहले, शांतिपूर्ण तरीके से सीमा गतिरोध को खत्म करने के इरादे से भारत और चीन की सेना ने पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाके से पीछे हटने का फैसला किया है।

उन खबरों के बारे में पूछे जाने पर कि, क्या दोनों तरफ के जवान अपनी पुरानी स्थिति की तरफ लौट रहे हैं, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सीमा पर स्थिति सहज बनाने के लिए दोनों तरफ कदम उठाए जा रहे हैं । उन्होंने कहा, ‘‘हाल में चीन और भारत के बीच कूटनीतिक और सैन्य माध्यम से सीमा पर स्थिति के बारे में प्रभावी बातचीत हुई और सकारात्मक सहमति बनी।’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीमा पर स्थिति सहज बनाने के लिए दोनों देश आपस में बनी सहमति के आधार पर कदम उठा रहे हैं।’’ नयी दिल्ली में सैन्य सूत्रों ने कहा है कि दोनों सेनाएं गलवान घाटी में गश्त प्वाइंट 14 और 15 के आसपास तथा हॉट स्प्रिंग क्षेत्र से हट रही हैं ।

साथ ही कहा गया है कि चीनी सेना दोनों क्षेत्र में 1.5 किलोमीटर तक पीछे हट गयी है । पेंगॉन्ग सो में हिंसक झड़प के बाद पांच मई से ही भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध चल रहा है । पेंगॉन्ग सो झील के पास फिंगर इलाके में भारत द्वारा महत्वपूर्ण सड़क बनाने पर चीन ने कड़ा ऐतराज किया था। इसके अलावा गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी रोड को जोड़ने वाली सड़क पर भी चीन ने आपत्ति जतायी थी। इसके बाद से ही दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं । छह जून को सैन्य स्तरीय वार्ता के दौरान भारत और चीन 2018 में वुहान शिखर बैठक में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच बनी सहमति के आधार पर फैसला करने पर सहमत हुए थे। छह जून को लेह की 14 वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बती सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन के बीच समग्र बैठक हुई थी।

Web Title: Indo-China border East Ladakh dispute May 5 violence among 250 Sino-Indian soldiers CHINA turns commander border

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे