सर्वे में खुलासा, भारत में तेजी से बढ़ रहा है तनाव का स्तर
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: July 11, 2018 04:37 AM2018-07-11T04:37:25+5:302018-07-11T04:37:25+5:30
विकसित और कई उभरते देशों की तुलना में भारत में तनाव का स्तर बड़े रूप मे है।
विकसित और कई उभरते देशों की तुलना में भारत में तनाव का स्तर बड़े रूप मे है। भारत के करीब 89 फीसदी लोग में से 86 फीसदी वैश्विक स्तर की तुलना में तनाव से अधिक पीड़ित हैं। मुंबई समेत बड़े शहरों में इस रूप से तेजी से बढ़ रहा है। हर आठ से में से एक व्यक्ति अपने तनाव से निकलने के लिए परेशानियों का सामना कर रहा है। सिग्ना टीटीके हेल्थ इंश्योरेंस ने अपने सिग्ना '360डिग्री वेल-बीइंग सर्वेक्षण-फ्यूचर एश्योर्ड' की एक रिपोर्ट जारी की है।
दरअसल सिग्ना टीटीके हेल्थ इंश्योरेंस अमेरिका स्थित वैश्विक स्वास्थ्य सेवा कंपनी, सिग्ना कॉर्पोरेशन और भारतीय समूह, टीटीके ग्रुप का संयुक्त वेंचर है। इसने बताया है कि किस तरह से भारत में वैश्विक स्तर के कारण लोग तनाव का सामना कर रहे हैं। वैसे यह सर्वे अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, चीन, ब्राजील और इंडोनेशिया सहित 23 देशों में किया गया। वैश्विक स्तर के कारण भारत में लोग सबसे ज्यादा तनाव का सामना क रहे हैं।
इस सर्वे के दौरान 14,467 ऑनलाइन इंटरव्यू लिए गए। जिसके बाद ये सामने आया कि भारत लगातार चौथी साल इस स्तर में सबसे ऊपर है। लेकिन इस साल भारत में शारीरिक, सामाजिक और पारिवारिक स्वास्थ्य में हल्की-सी गिरावट देखने को मिली, जबकि कार्य और वित्तीय स्वास्थ्य के प्रति भागीदारों की प्रवृत्ति आशावादी रही। शरीरिक क्षेत्र में ये गिरावट देखने को मिली है।
सामने आया है कि वजन घटाने और स्वास्थ्य के प्रति लोगों अग्रसर हो रहे हैं। सबसे लास्ट में नींद-संबंधी परिवर्तनों का स्थान रहा। इस रिसर्च के परिणामों के मुताबिक, भारत लगातार चौथे साल संपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य सूचकांक में सबसे ऊपर रहा। वही, इस साल भारत में शारीरिक, सामाजिक और पारिवारिक स्वास्थ्य में हल्की-सी गिरावट देखने को मिली, जबकि कार्य और वित्तीय स्वास्थ्य के प्रति भागीदारों की प्रवृत्ति आशावादी रही।