भारत में अब हाइड्रोजन ईंधन पर चलेगी ट्रेन, भारत होगा ऐसा करने वाला तीसरा देश, जानिए क्या है तैयारी
By विनीत कुमार | Updated: August 8, 2021 09:13 IST2021-08-08T09:13:03+5:302021-08-08T09:13:03+5:30
भारतीय रेलवे ने डीजल के इंधन वाले ट्रेनों में हाइड्रोजन आधारित तकनीक के इस्तेमाल की शुरुआत करने का फैसला किया है। इसके लिए बोलियां मंगाई गई हैं।

हाइड्रोजन इंधन सेल आधारित तकनीक पर भारतीय रेल का जोर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने डीजल से चलने वाली मौजूदा लोकल ट्रेनों (DEMU, डेमू) को अपप्रेड कर उसमें हाइड्रोजन इंधन सेल आधारित तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए निविदाएं आमंत्रित की है। इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले हरियाणा में सोनीपत-जींद के 89 किलोमीटर सेक्शन के लिए ये निविदा मंगाई गई है।
रेल मंत्रालय की ओर से एक बयान में इसकी जानकारी दी गई है। जारी बयान में कहा गया, 'इंडियन रेलवे ऑर्गनाइजेशन ऑफ अलटर्नेट फ्यूल (IROAF), ग्रीन फ्यूल वर्टिकल ऑफ इंडियन रेलवे ने रेलवे नेटवर्क पर हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित तकनीक के लिए निविदाएं मंगाई हैं। इसे सोनीपत-जींद सेक्शन के 89 किलोमीटर पर लागू किया जाएगा।'
मंत्रालय के अनुसार अगर परियोजना सफल होती है तो सभी डीजल इंधनों पर इसे लागू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले दो डेमू इंधनों में सबसे पहले हाइड्रोजन इंधन का इस्तेमाल होगा। इसके तहत इस साल के लिए 8 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
हाईड्रोजन इंधन में बदलाव से क्या होगा
रेल मंत्रालय के अनुसार डीजल से चलने वाले डेमू की रेट्रोफिटिंग और इसे हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले ट्रेन सेट में बदलने से न केवल सालाना 2.3 करोड़ रुपये की बचत होगी, बल्कि हर साल 11.12 किलो टन के कार्बन उत्सर्जन (नाइट्रिक ऑक्साइड) को कम किया जा सकेगा।
रेलवे के अनुसार इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन के बाद विद्युतीकरण के जरिये डीजल ईंधन से चलने वाले सभी रोलिंग स्टॉक को हाइड्रोजन ईंधन से चलाने की योजना बनायी जा सकती है।
भारत होना ड्राइडोजन रेल इंधन वाला तीसरा देश
मौजूदा समय में कुछ ही देशों में ट्रेन में हाइड्रोजन को बतौर इंधन इस्तेमाल करने को लेकर प्रयोग हो रहे हैं। जर्मनी और पोलैंड में इससे संबंधित ट्रायल चल रहे हैं। ऐसे में भारत में इसका ट्रायल शुरू होता है तो वो ऐसा करने वाला तीसरा देश होगा। बहरहाल, निविदा दाखिल करने की समयसीमा 21 सितंबर, 2021 से पांच अक्टूबर 2021 तय की गयी है।