नई दिल्ली: राजधानी में यमुना नदी का जल स्तर, जिससे दिल्ली दो दिनों से अधिक समय तक जलमग्न रही, धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है। यमुना के पानी से दिल्ली के कई इलाके डूब चुके हैं। पानी को निकालने के सबसे जरूरी है कि आईटीओ बैराज के 5 जाम गेट खोल दिए जाएं जिससे आम जनता को थोड़ी राहत मिले। लेकिन सालों से बंद पड़े ये गेट इतने जाम हो चुके थे कि लाख कोशिशों के बाद भी सेना की टीम केवल एक गेट खोल पाई।
अब बाकि गेट खोलने के लिए नौसेना की मदद ली जा रही है। नौसेना की विशेषज्ञ टीम और गोताखोर पानी में उतरकर बंद पड़े 4 गेट खोलने की जुगत में जुट गए हैं। जितनी जल्दी यह टीम बंद पड़े 4 गेट खोलने में सफल होगी उतनी जल्दी जल्दी दिल्ली को राहत मिलेगी। इससे पहले लगातार 20 घंटे की मशक्कत के बाद एक गेट खोलने में कामयाब हुई सेनी की टीम को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने धन्यवाद दिया।
केजरीवाल ने कहा कि क़रीब 20 घंटों की बिना रुके मेहनत के बाद आईटीओ बैराज का पहला जाम हुआ गेट खोल दिया गया है। गोताखोर टीम ने पानी के नीचे से सिल्ट कंप्रेसर द्वारा निकाली, फिर हाईड्रा क्रेन से गेट को खींचा गया। जल्द ही पांचों गेट खोल दिए जाएंगे।
बता दें कि आईटीओ ब्रिज बैराज के 32 गेट हैं, जिसे हरियाणा सरकार संचालित किया जाता है। इनमें से पांच गेट बंद हैं, जिससे पानी की निकासी बाधित हो रही है। हालांकि इस बीच एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है।
दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाते हुए कहा, "दिल्ली को जानबूझकर डुबाया गया, हथिनीकुंड बैराज से अतिरिक्त पानी केवल दिल्ली भेजा गया। हथिनीकुंड बैराज से केवल दिल्ली के लिए पानी छोड़ा गया जबकि पश्चिमी नहर के लिए कोई पानी नहीं छोड़ा गया। सुप्रीम कोर्ट समेत दिल्ली की सभी महत्वपूर्ण संस्थागत इमारतों को डुबाने की साजिश थी।"