गलावन घाटी पर आपसी सहमति के विपरित चीन का दावा: विदेश मंत्रालय

By भाषा | Published: June 18, 2020 04:12 PM2020-06-18T16:12:03+5:302020-06-18T16:12:03+5:30

गलवान घाटी को लेकर भारत ने कहा है कि ‘‘अनुचित’ और ‘‘बढ़ा-चढ़ा कर’’ किया गया यह दावा उस आपसी सहमति के विपरीत है जो दोनों देशों के बीच छह जून को उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में बनी थी।

indian Foreign Ministry said China's claims against mutual agreement on the Galavan Valley | गलावन घाटी पर आपसी सहमति के विपरित चीन का दावा: विदेश मंत्रालय

गलावन घाटी पर आपसी सहमति के विपरित चीन का दावा: विदेश मंत्रालय

Highlightsगलवान घाटी पर चीन के सम्प्रभुता के दावे को भारत ने पूरी तरह खारिज किया है। भारत ने कहा है कि ‘‘अनुचित’ और ‘‘बढ़ा-चढ़ा कर’’ किया गया यह दावा उस आपसी सहमति के विपरीत है।

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी पर चीन के सम्प्रभुता के दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए भारत ने कहा है कि ‘‘अनुचित’ और ‘‘बढ़ा-चढ़ा कर’’ किया गया यह दावा उस आपसी सहमति के विपरीत है, जो दोनों देशों के बीच छह जून को उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में बनी थी। चीनी सेना ने बृहस्पतिवार को कहा था कि गलवान घाटी हमेशा से चीन का हिस्सा रही है।

चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के दावे पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने छह जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता के दौरान तनाव कम करने के संबंध में चीनी और भारतीय सेनाओं के बीच बनी आपसी सहमति का जिक्र किया।

उन्होंने बुधवार देर रात करीब एक बजे जारी बयान में कहा, ‘‘अनुचित और बढा-चढाकर दावा करना इस आपसी सहमति के विपरीत है।’’ गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।

इस सैन्य टकराव के कारण दोनों देशों के बीच क्षेत्र में सीमा पर पहले से ही तनावपूर्ण हालात और खराब हो गए । वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई टेलीफोन वार्ता में भी भारत ने ‘‘कड़े शब्दों’’ में अपना विरोध जताया और कहा कि चीनी पक्ष को अपने कदमों की समीक्षा करनी चाहिए और स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए।

श्रीवास्तव ने बताया कि विदेश मंत्री जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री के बीच लद्दाख में हालिया घटनाक्रम को लेकर फोन पर बातचीत हुई। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि समग्र स्थिति से जिम्मेदाराना तरीके से निपटा जाना चाहिए और छह जून को वरिष्ठ कमांडरों के बीच बनी आपसी सहमति का ईमानदारी से पालन किया जाना चाहिए।

अनुचित और बढ़ा-चढ़ा कर दावे करना इस आपसी सहमति के विपरीत है।’’ जयशंकर ने फोन पर हुई बातचीत में वांग को दिए कठोर संदेश में कहा कि गलवान घाटी में हुई अप्रत्याशित घटना का द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने साथ ही कहा कि इस हिंसा के लिए चीन की ‘‘पूर्व नियोजित’’ कार्रवाई सीधे तौर पर जिम्मेदार है। भारत-चीन सीमा पर करीब 3488 किमी लंबी एलएसी कई जगह विवाद का कारण है। चीन अरूणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है, जिसका भारत कड़ाई से विरोध करता रहा है।

Web Title: indian Foreign Ministry said China's claims against mutual agreement on the Galavan Valley

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