भारतीय सेना में ब्रिगेडियर और इससे ऊपर के अधिकारियों की वर्दी में होने वाला है बड़ा बदलाव, जानिए इस बारे में
By आजाद खान | Published: May 9, 2023 01:53 PM2023-05-09T13:53:44+5:302023-05-09T14:18:26+5:30
ऐसे में ब्रिगेडियर और उससे ऊपर के वरिष्ठ अधिकारियों के हेडगियर, शोल्डर रैंक बैज, गोरगेट पैच, बेल्ट और जूते में भी बदलाव किया जाएगा और इसे पहले से भी ज्यादा स्टैंडर्ड बनाया जाएगा।
नई दिल्ली: भारतीय सेना से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के हवाले से यह पता चला है कि भारतीय सेना ने अब ब्रिगेडियर और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों के लिए एक समान वर्दी अपनाने का फैसला किया है। इस वर्दी का उनके कैडर या नियुक्ति से कोई संबंध नहीं होगा। हालांकि सेना में कर्नल और उससे नीचे के रैंक वाले सभी अधिकारियों की वर्दी में कोी बदलाव नहीं किया जाएगा।
यह फैसला काफी विस्तृत विचार-विमर्श होने के बाद लिया गया है और यह हाल में हुए सेना कमांडरों के एक सम्मेलन में हुआ है। सूत्रों की माने तो ब्रिगेडियर और ऊपर के वरिष्ठ अधिकारियों के हेडगियर, शोल्डर रैंक बैज, गोरगेट पैच, बेल्ट और जूते पहले से ये अब और स्टैंडर्ड होंगे।
सेना ने क्या फैसला लिया है
न्यूज एजेंसी एएनआई की अगर माने तो उसके सूत्रों ने बताया है कि हाल में संपन्न हुए कमांडरों की एक सम्मेलन में अधिकारियों के वर्दी को लेकर फैसला किया गया है। सूत्र के अनुसार, भारतीय सेना ने अब ब्रिगेडियर और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों के लिए एक समान वर्दी अपनाने का फैसला किया है, भले ही इनकी नियुक्ति या कैडर कोई भी हो।
The Indian Army has decided to adopt a common uniform for Brigadier and above rank officers irrespective of the parent cadre and appointment. The decision was taken after detailed deliberations during the recently concluded Army Commanders' Conference: Sources
— ANI (@ANI) May 9, 2023
यही नहीं जो अधिकारी ध्वज-रैंक के होंगे वे अब से कोई डोरी भी नहीं पहेंगे। ऐसे में मीडिया रिपोर्ट की अगर माने तो ये सभी बदलाव इसी साल अगस्त से शुरू होंगे। बता दें कि भारतीय सेना में कुल 17 पद होते है और आधिकारिक तौर पर जो सबसे ऊंचा पद होता है वह फील्ड मार्शल का पद है।
भारतीय सेना सभी तरह के सैन्य हालात से निपटने के लिए तैयार है-मंत्रालय
इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने चीन और उसके सदाबहार सहयोगी पाकिस्तान का परोक्ष रूप से संदर्भ देते हुए कहा कि भारतीय सेना सैन्य आधुनिकीकरण और भारत के विरोधियों की आक्रामक कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप सभी तरह के सैन्य हालात से निपटने के लिए तैयार है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि सेना मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों की लगातार निगरानी और समीक्षा करते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर स्थिरता और प्रभुत्व सुनिश्चित करने की भारत की इच्छा के अनुरूप अपनी अभियानगत तैयारियों को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
भाषा इनपुट के साथ