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LoC पर पाकिस्तानी स्नाइपरों से परेशान है सेना, 66 जवानों की ले चुके हैं जान

By सुरेश डुग्गर | Updated: October 29, 2018 20:27 IST

वर्ष 2003 में जब दोनों मुल्कों के बीच संघर्ष विराम समझौता हुआ तो कुछ अरसे तक एलओसी तथा इंटरनेशनल बार्डर पर शांति बनी रही थी पर यह ज्यादा देर तक इसलिए नहीं टिक पाई क्योंकि पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली रहस्यमयी गोलीबारी ने भारतीय जवानों की जानें लेनी आरंभ कर दी थी।

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कश्मीर में आतंकियों की मदद को पहुंचे दर्जनभर पाकिस्तानी स्नाइपरों के प्रति यह जानकारी अब सामने आई है कि उनमें पाक सेना के प्रशिक्षित वे सैनिक भी हैं जो पहले से ही एलओसी पर भारतीय सेना के लिए आफत बने हुए थे। दरअसल पाकिस्तान से सटी सीमाओं और एलओसी पर 26 नवम्बर 2003 में घोषित हुए सीजफायर के बाद से ही ये स्नाइपर एलओसी पर हमलों को अक्सर अंजाम देते रहे हैं जिनमें आधिकारिक तौर पर अभी तक सेना को 66 के करीब जवानों को खोना पड़ा है।

वर्ष 2003 में जब दोनों मुल्कों के बीच संघर्ष विराम समझौता हुआ तो कुछ अरसे तक एलओसी तथा इंटरनेशनल बार्डर पर शांति बनी रही थी पर यह ज्यादा देर तक इसलिए नहीं टिक पाई क्योंकि पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली रहस्यमयी गोलीबारी ने भारतीय जवानों की जानें लेनी आरंभ कर दी थी।

फिर जब इसके प्रति जानकारियां सामने आईं तो वे चौंकाने वाली थीं कि ऐसी रहस्यमयी गोलीबारी अर्थात स्नाइपर शाटों के पीछे पाक सेना के प्रशिक्षित कमांडों के साथ-साथ वे आतंकी भी थे जिन्हें पाकिस्तानी सेना ऐसी ट्रेनिंग दे रही थी। हालांकि सीजफायर के 15 सालों के दौरान एलओसी पर स्नाइपर गोलीबारी 66 के करीब भारतीय जवानों की जानें ले चुकी है और पाकिस्तान ऐसी गोलीबारी के लिए हमेशा ही आतंकियों को दोषी ठहराता आया है।

अब कश्मीर के भीतर पहुंच चुके स्नाइपरों की गोलियों ने अन्य सुरक्षाबलों को चिंता में डाल दिया है। सुरक्षाबलों की चिंता जायज भी है। चाहे सेनाध्यक्ष अभी इस मामले में जांच जारी रहने की बात कह रहे हैं पर जानकारियों के मुताबिक, करीब दर्जनभर स्नाइपर कश्मीर में घुस चुके हैं जो पिछले एक पखवाड़े में तीन जवानों की जानें ले चुके हैं। फिलहाल इसके प्रति पक्के सबूत नहीं मिले थे पर कहा यह जा रहा है कि इन स्नाइपरों में पाक सेना के प्रशिक्षित जवान भी शामिल हैं तथा आतंकी भी।

ऐसे स्नाइपरों में पाक सेना के जवानों के संलिप्त होने की खबरों पर यकीन इसलिए किया जा सकता था क्योंकि पहले भी कश्मीर में 30 सालों से फैले आतंकवाद के दौर के दौरान पाक सेना के कई जवान और अफसर पकड़े व मारे जा चुके हैं जो आतंकियों का साथ देने की खातिर एलओसी को क्रास कर इस ओर आए थे।

नतीजतन कश्मीर में ऐसे स्नाइपरों की तलाश तेज की चुकी है। फिलहाल सुरक्षाबल ऐसे स्नाइपरों की भनक तक नहीं पा सके हैं जिनके प्रति कहा जा रहा हैकि उन्हें स्थानीय आतंकियों के अतिरिक्त स्थानीय नागरिकों का साथ व समर्थन मिला हुआ है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, स्नाइपरों की तलाश में जबरदस्त तलाशी अभियान छेड़े गए हैं और उन्होंने उम्मीद जताई की जल्द ही ऐसे स्नाइपरों को ढेर कर सुरक्षाकर्मियों के सिरों पर मंडरा रहे स्नाइपर शाट के खतरे को नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा।

टॅग्स :भारतीय सेनाएलओसीपाकिस्तानजम्मू कश्मीर
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