बिपिन रावत ने पाकिस्तान को दी चेतावनी, कहा- सुधर जाओ, नहीं तो करेंगे बड़ी कार्रवाई
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: October 27, 2018 12:31 PM2018-10-27T12:31:42+5:302018-10-27T12:31:42+5:30
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार (27 अक्टूबर) को सख्त लहजे में पाकिस्तान को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि पाक भारत में घुसपैठ को रोके नहीं तो हमारे पास दूसरे विकल्प भी खुले हैं।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार (27 अक्टूबर) को सख्त लहजे में पाकिस्तान को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि पाक भारत में घुसपैठ को रोके नहीं तो हमारे पास दूसरे विकल्प भी खुले हैं।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान को समझ लेना चाहिए कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। रावत ने कहा कि कश्मीर का बचाव सेना किसी भी कीमत पर करने में सक्षम है। जिस तरह से पाक बार बार देश में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है उसके गलत मंशूबों को हम बिल्कुल कामयाब नहीं होने देंगे।
Pakistan is fully aware they can never succeed, terror is another way by them to keep the pot boiling. They want to stall development in Kashmir but Indian state is strong enough to counter everything, and we are fully capable of carrying out different ops: Army Chief Bipin Rawat pic.twitter.com/PZC28d4Nrn
— ANI (@ANI) October 27, 2018
शनिवार को इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर आयोजित पैदल सेना दिवस पर रावत ने कहा कि घुसपैठ से नुकसान केवल पाकिस्तान को है इसलिए वह अपनी हरकतों से बाज आए और दहशतगर्दों को समर्थन देना बंद करे।
Jawan who lost his life after being attacked by stone pelters was guarding a border roads team which was constructing roads, and then we have some ppl saying don't treat stone pelters like OGWs(over ground workers) of terrorists: Army Chief General Bipin Rawat pic.twitter.com/uQt2nYhZAw
— ANI (@ANI) October 27, 2018
उन्होंने कहा कि पाक कश्मीर के काम को इस तरह की हरकतों से रोकना चाहता है। लेकिन कश्मीर हर तरह की परिस्थिति से निपटने को तैयार है। लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि देश का एक जवान पत्थरबाजी में मारा गया। जो कि बॉर्डर पर निर्माणाधीन सड़क की सुरक्षा में लगा था, इतना कुछ होने के बावजूद लोग बोल रहे हैं कि पत्थरबाजों के खिलाफ आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर्स की तरह कार्रवाई न हो।