भारतीय सेना ने लद्दाख में एलएसी पार करने वाले चीन के सैनिक को पकड़ा

By भाषा | Updated: January 9, 2021 21:59 IST2021-01-09T21:59:14+5:302021-01-09T21:59:14+5:30

Indian army caught Chinese soldier crossing LAC in Ladakh | भारतीय सेना ने लद्दाख में एलएसी पार करने वाले चीन के सैनिक को पकड़ा

भारतीय सेना ने लद्दाख में एलएसी पार करने वाले चीन के सैनिक को पकड़ा

नयी दिल्ली, नौ जनवरी भारतीय सेना ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो के दक्षिणी तट से चीन के एक सैनिक को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करके भारतीय क्षेत्र में आने के बाद पकड़ लिया। यह करीब तीन महीने में ऐसी दूसरी घटना है। यह जानकारी आधिकारियों ने शनिवार को दी।

चीन का सैनिक ऐसे समय पकड़ा गया है, जब मई की शुरुआत में पैंगोंग झील क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प और सीमा पर तनाव उत्पन्न होने के बाद भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की ओर से पूर्वी लद्दाख में भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की गई है।

सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘पीएलए के सैनिक ने एलएसी पार की थी और उसे इस क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों द्वारा हिरासत में ले लिया गया। चीनी सैनिकों के अभूतपूर्व जमावड़े और तैनाती के चलते गत वर्ष टकराव के बाद दोनों ओर से सैनिक एलएसी के पास तैनात किये गए हैं।’’

सेना ने कहा कि सैनिक को शुक्रवार को तड़के पकड़ा गया। सेना ने कहा, ‘‘पीएलए के पकड़े गए सैनिक के साथ तय प्रक्रियाओं के मुताबिक व्यवहार किया जा रहा है तथा इसकी जांच की जा रही है कि उसने किन परिस्थितियों में एलएसी पार की।’’

लगभग चार महीने पहले, भारतीय सेना ने तब पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास स्थित मुखपारी, रेचिन ला और मगर पहाड़ी क्षेत्रों में कई सामरिक ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था जब 29 और 30 अगस्त की दरमियानी रात को क्षेत्र में चीनी सेना ने उन्हें धमकाने का प्रयास किया था।

सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने पिछले महीने पूर्वी लद्दाख में विभिन्न ऊंचाई वाले अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया था, जिसमें पैंगोंग झील के दक्षिणी तट स्थित कुछ स्थान शामिल थे। जनरल नरवणे ने इस दौरान भारत की समग्र सैन्य तैयारियों की समीक्षा की थी।

भारतीय सैनिकों ने पिछले साल 19 अक्टूबर को पीएलए के कॉर्पोरल वांग या लांग को पकड़ा था जब वह लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में एलएसी पार करके इस ओर आ गया था।

कॉर्पोरल को निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किये जाने के बाद पूर्वी लद्दाख में चुशुल-मोल्डे सीमा बिंदु पर चीन को सौंपा गया था।

अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान समय में भारतीय सेना के लगभग 50,000 सैनिक शून्य से नीचे के तापमान में पूर्वी लद्दाख के विभिन्न पहाड़ी स्थानों में युद्ध के लिए तैयार स्थिति में तैनात हैं। दोनों पक्षों के बीच कई दौर की वार्ता के बावजूद गतिरोध दूर करने के लिए कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है। चीन ने भी उतनी ही संख्या में अपने सैनिक तैनात किये हैं।

पिछले महीने, भारत और चीन के बीच भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के तहत कूटनीतिक वार्ता का एक और दौर आयोजित हुआ था।

दोनों पक्षों के बीच आठवें और आखिरी दौर की सैन्य वार्ता छह नवंबर को हुई थी, जिस दौरान दोनों पक्षों ने पर्वतीय क्षेत्र में विशिष्ट टकराव बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पर व्यापक चर्चा की थी।

भारत का लगातार यह कहना है कि पर्वतीय क्षेत्र में टकराव के बिंदुओं पर तनाव कम करने और सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी चीन पर है।

छठे दौर की सैन्य वार्ता के बाद, दोनों पक्षों ने कई फैसलों की घोषणा की थी जिसमें और सैनिकों को अग्रिम क्षेत्र में नहीं भेजना, जमीन पर स्थिति को एकतरफा रूप से बदलने से बचना और ऐसे कार्यों को करने से बचना जिससे मामला और जटिल हो जाए।

वार्ता का यह दौर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन के इतर 10 सितंबर को मॉस्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच हुई एक बैठक में हुए पांच-बिंदु समझौते को लागू करने के तरीकों का पता लगाने के एक विशिष्ट एजेंडे के साथ आयोजित हुआ था।

इस सहमति में सैनिकों की त्वरित वापसी, तनाव को बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचने, सीमा प्रबंधन से जुड़े सभी समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करना शामिल था।

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Web Title: Indian army caught Chinese soldier crossing LAC in Ladakh

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