अब स्वदेशी मिसाइलों और बम से लैस होगा राफेल, भारतीय वायु सेना ने डसॉल्ट एविएशन से लड़ाकू विमान पर स्वदेशी हथियार लगाने को कहा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 23, 2023 02:51 PM2023-07-23T14:51:01+5:302023-07-23T14:52:37+5:30
भारतीय हथियार प्रणालियाँ पहले से ही स्वदेशी LCA तेजस के साथ Su-30 MKI लड़ाकू विमान में एकीकृत हैं। अब राफेल में एकीकृत होने के बाद भारतीय हथियार प्रणालियों की क्षमता और कीमत को देखते हुए उनका बाजार पहले से कई गुना ज्यादा हो सकता है।
नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना ने फ्रांसीसी फर्म, डसॉल्ट एविएशन से राफेल लड़ाकू विमान पर भारत में बने हथियार और मिसाइलें लगाने का अनुरोध किया है। वायुसेना ने मूल उपकरण निर्माता डसॉल्ट एविएशन से कहा है कि राफेल के साथ स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (SAAW) और एस्ट्रा एयर-टू-एयर मिसाइल जैसे भारतीय निर्मित हथियारों को इन युद्धक विमानों पर लगाया जाए।
इस कदम से रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' के लिए एक बड़ी सफलता मिल सकती है और देसी हथियारों के लिए वैश्विक बाजार भी खोल सकती है। बता दें कि राफेल का उपयोग भारत, फ्रांस, मिस्र, कतर सहित कई देशों द्वारा किया जाता है और ग्रीस, क्रोएशिया, संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया सहित कई अन्य देशों ने इन विमानों के लिए ऑर्डर दिए हैं।
भारतीय वायुसेना की योजना डीआरडीओ द्वारा विकसित मिसाइलों और बमों के साथ निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा लंबी दूरी के ग्लाइड बमों सहित कई स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए हथियारों को विमान के साथ एकीकृत करने की भी है।
भारतीय हथियार प्रणालियाँ पहले से ही स्वदेशी LCA तेजस के साथ Su-30 MKI लड़ाकू विमान में एकीकृत हैं। अब राफेल में एकीकृत होने के बाद भारतीय हथियार प्रणालियों की क्षमता और कीमत को देखते हुए उनका बाजार पहले से कई गुना ज्यादा हो सकता है।
भारतीय वायुसेना के पास 36 राफेल लड़ाकू विमान हैं। हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे पर 26 राफेल समुद्री विमान खरीदने पर भी सहमति बनी है जिनका उपयोग नौसेना द्वारा किया जाना है।
चीन और पाकिस्तान से दो मोर्चे पर मिल रही चुनौतियों के बीच भारतीय सेनाएं लगातार अपनी क्षमताएं बढ़ाने में जुटी हैं। इसी क्रम में भारत ने फ्रांस से 36 राफेल खरीदे थे। भारत पहले ही रूस में बने सुखोई 30 एमकेआई का इस्तेमाल कर रहा है। इसके अलावा भारत के पास स्वदेशी तेजस विमान भी है जो आने वाले कुछ सालों में मिग-21 की जगह ले लेगा। इन विमानों पर पहले से ही भारतीय मिसाइलें और बम फिट हैं। अब योजना राफेल को भी स्वदेशी हथियारों से लैस करने की है।